उदासीनता. पटरी से उतरी सीतामढ़ी सदर अस्पताल की व्यवस्था, चिकित्सक रहे गायब
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मरीज करते रहे इंतजार, ओपीडी बाधित
उदासीनता. पटरी से उतरी सीतामढ़ी सदर अस्पताल की व्यवस्था, चिकित्सक रहे गायब सीतामढ़ी : सीतामढ़ी सदर अस्पताल की व्यवस्था एक बार फिर पटरी से उतर गयी है. यूं तो सुदूर ग्रामीण इलाकों से लोग बड़ी उम्मीद के साथ सदर अस्पताल पहुंचते है, लेकिन सदर अस्पताल प्रशासन मरीजों की उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर रहा है. […]
सीतामढ़ी : सीतामढ़ी सदर अस्पताल की व्यवस्था एक बार फिर पटरी से उतर गयी है. यूं तो सुदूर ग्रामीण इलाकों से लोग बड़ी उम्मीद के साथ सदर अस्पताल पहुंचते है, लेकिन सदर अस्पताल प्रशासन मरीजों की उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर रहा है. संसाधन व दवाओं का अभाव तो है हीं, चिकित्सक व कर्मियों की लापरवाही अब मरीजों की जिंदगी पर भारी पड़ रहीं है.
कुछ ऐसी हीं तस्वीर सोमवार को सदर अस्पताल में सामने दिखा. चिकित्सक व कर्मी गायब पाये गये. पैथोलाजिकल रूम, चिकित्सक कक्ष व प्रबंधक कक्ष में ताले लटके रहे. जबकि मरीज चिकित्सक का इंतजार करते रहे. तकरीबन डेढ़ घंटे तक मरीजों में ऊहापोह की स्थिति रहीं. वहीं डेढ़ घंटे तक ओपीडी सेवा भी बाधित रहीं.
न दवा और नहीं इलाज, दुआ हीं सहारा: वैसे तो सदर अस्पताल में लोग इलाज के लिए आते है. जहां चिकित्सक मरीज की सेहत की जांच करते है और कर्मी आवश्यक दवा देते है. लेकिन वर्तमान में सदर अस्पताल में किसी भी दर्द का मर्ज नहीं है. चिकित्सक व कर्मियों की मनमानी है. दवाओं का अभाव है. डिस्पोजेबुल सीरिंज तक मरीजों को खुले बाजार से खरीदनी पड़ रहीं है. जाहिर है कि यहां इलाज को आये मरीजों को न तो दवा मिल रहीं है और नहीं हीं उनका इलाज हो पा रहा है. ऐसे में बस दुआ के सहारे रह गये है मरीज.
सांसद के निरीक्षण के बाद भी तस्वीर में बदलाव नहीं: शुक्रवार की शाम सदर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे सांसद राम कुमार शर्मा ने अस्पताल में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी उजागर की थी. सांसद के निरीक्षण में चिकित्सक व कर्मी गायब मिले थे. मरीजों ने दवा, इलाज, भोजन समेत अनगिनत शिकायतें दर्ज करायी थी. सांसद ने डीएम से बात की थी और सीएस को व्यवस्था में सुधार का आदेश दिया था. बावजूद इसके व्यवस्था और अधिक खराब हो गयी है. जिसकी बानगी सोमवार को सदर अस्पताल में सामने आयी.
केवल इमरजेंसी में हीं हो रहा था इलाज: सोमवार को सदर अस्पताल में केवल इमरजेंसी में ही मरीजों का इलाज हो रहा था. इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सक व कर्मी मरीजों का इलाज कर रहे थे. इसके अलावा ओपीडी समेत तमाम वार्ड खाली थे. लिहाजा मरीज परेशान थे. मरीज व उनके परिजन चिकित्सक व कर्मियों को कोस रहे थे.
इस दौरान कई लोग अपने मरीज को बगैर इलाज के हीं वापस लौटने को विवश दिखे.
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