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3.40 करोड़ के गबन का खुलासा

जल संसाधन िवभाग का मामला, िनगरानी ने की जांच सीतामढ़ी : अधवारा बांध के मरम्मत कार्य में किसानों को मुआवजे के नाम पर जल संसाधन विभाग में 3.40 करोड़ का गबन सामने आया है. मामला वर्ष 2012 से जुड़ा है. इसका खुलासा निगरानी की जांच में हुआ है. मामले में सीतामढ़ी बागमती प्रमंडल के कार्यपालक […]

जल संसाधन िवभाग का मामला, िनगरानी ने की जांच

सीतामढ़ी : अधवारा बांध के मरम्मत कार्य में किसानों को मुआवजे के नाम पर जल संसाधन विभाग में 3.40 करोड़ का गबन सामने आया है. मामला वर्ष 2012 से जुड़ा है. इसका खुलासा निगरानी की जांच में हुआ है. मामले में सीतामढ़ी बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राम विनय सिन्हा ने डुमरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें तत्कालीन मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के 17 अधिकारियों को आरोपित किया गया है. आरोपितों में बांध निर्माण एजेंसी के भी कई अधिकारी शामिल हैं. प्राथमिकी में बताया गया
3.40 करोड़ के…
है कि अधवारा नदी के बायें 43.60 किमी व दायें 44 किमी भाग में तटबंध की मरम्मत कराना था. इसके लिए नयी दिल्ली के ब्रह्मपुरा कंट्रक्शन कंपनी के साथ कार्यपालक अभियंता भीमशंकर राय ने करार किया था. इसके तहत एजेंसी को ही किसानों की मिट्टी व फसल का मुआवजा देना था. लेकिन, कार्यपालक अभियंता ने करार के खिलाफ किसानों के मुआवजे के नाम पर दो करोड़ 83 लाख 15 हजार 453 रुपये की निकासी कर ली. इतना ही नहीं, कार्यपालक अभियंता ने एजेंसी को 65 लाख 30 हजार 178 रुपये अधिक भुगतान किया.
इन्हें बनाया गया आरोपित. तीन करोड़ 40 लाख 18 हजार 364 रुपये के इस घोटाले में जल संसाधन विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता व वर्तमान में कटिहार में बाढ़ नियंत्रण व जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता पद पर तैनात गुंजालाल राम, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सेवानिवृत्त देवानंद कुंवर, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सीतामढ़ी व वर्तमान में सेवानिवृत्त भीमशंकर राय, सहायक अभियंता व वर्तमान में समग्र योजना व प्रोजेक्ट प्रीपरेशन प्रमंडल पटना में सहायक अभियंता सुभाष चंद्र भट्ट, तत्कालीन सहायक अभियंता बबन प्रसाद लाल, तत्कालीन कनीय अभियंता जवाहर लाल सिंह, तत्कालीन कनीय अभियंता
प्रेमशंकर यादव, सीतामढ़ी जल संसाधन विभाग में तैनात कनीय अभियंता प्रदीप कुमार यादव, कपिल देव नारायण सिंह, रवींद्र कुमार व राजीव कुमार, प्रमंडलीय लेखा लिपिक संजय कुमार शामिल हैं.
इसके अलावा बांध निर्माण एजेंसी ब्रह्मपुत्रा इंफ्रास्ट्रक्चर नई दिल्ली के संयुक्त प्रबंध निदेशक संजीव पृथाली, सुनीत कुमार टोढ़ी, जीएम रवीश कुमार, मुख्तारनामा धारक राजदत्त पांडेय व प्रोजेक्ट मैनेजर अलखनाथ सिन्हा समेत 13 को आरोपित किया गया है.
तत्कालीन मुख्य अभियंता सहित विभाग के 17 अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज
बांध निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को भी किया गया आरोपित
अधवारा बांध की मरम्मत में मुआवजे के नाम पर राशि का किया गया गबन
किसानों के मुआवजे के नाम पर की गयी 2.83 करोड़ की निकासी
बांध निर्माता एजेंसी को किया गया 65.30 लाख रुपये अधिक भुगतान
अनियमितता के बावजूद
नहीं की कार्रवाई
थाने में प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपित अधिकारियों ने एजेंसी के कर्मचारी व अधिकारियों के साथ गलत तरीके से तीन करोड़ 40 लाख 18 हजार 364 रुपये की निकासी कर गबन कर लिया है. वहीं, कार्यपालक अभियंता की ओर से बरती गयी अनियमितता के बावजूद अधीक्षण अभियंता व मुख्य अभियंता ने कार्यपालक अभियंता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. निगरानी जांच में इसका खुलासा होने के बाद उच्च अधिकारियों के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

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