सीतामढ़ी : जिला स्वास्थ्य विभाग में बराबर कुछ ऐसा होता रहा है, जिससे चर्चा में बना रहता है. अधिकांश बार नकारात्मक बातों/निर्णयों को लेकर विभाग को कटघरे में खड़ा किया जाता रहा है. ताजा मामला भी विभाग पर उंगुली उठाने के लिए कम नही है.
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दागी एजेंसियों ने भी लिया था टेंडर में हिस्सा
सीतामढ़ी : जिला स्वास्थ्य विभाग में बराबर कुछ ऐसा होता रहा है, जिससे चर्चा में बना रहता है. अधिकांश बार नकारात्मक बातों/निर्णयों को लेकर विभाग को कटघरे में खड़ा किया जाता रहा है. ताजा मामला भी विभाग पर उंगुली उठाने के लिए कम नही है. गत दिन जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आउटसोर्सिंग से संबंधित तरह-तरह […]
गत दिन जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आउटसोर्सिंग से संबंधित तरह-तरह के टेंडर निकाले गये थे. इसमें 10 जिलों के 28 एजेंसियों ने हिस्सा लिया था. टेंडर खोला भी गया था. हालांकि वह कुछ एजेंसियों के हंगामे की भेंट चढ़ गयी थी. हाइ-वोल्टेज ड्रामे के साथ टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी थी. इस बीच, डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने टेंडर रद्द करने का आदेश देने के साथ ही पुनः टेंडर निकालने का आदेश दिया था.
अगर टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती, तो संभव था कि कुछ लापरवाह एवं दागी एजेंसियों को भी काम करने का मौका मिल जाता. इस बीच, पटना की स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि दीपक आनंद ने डीएम से पूर्व के टेंडर में भाग ले चुके कुछ एजेंसियों की बावत कागजी प्रमाण के साथ शिकायत की.
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