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गौ रक्षा के लिए पैदल भारत यात्रा करेंगे फैज

3000 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं पूरी लेह लद्दाख से शुरू हुई यात्रा अमृतसर में होगी संपन्न बरबीघा (शेखपुरा) : गो माता का जिक्र भारतीय सभ्यता संस्कृति के विभिन्न धर्म ग्रंथों में वर्णित है. इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने भी गाय के दूध को शिफा, गाय के घी को औषधि और गौ […]

3000 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं पूरी

लेह लद्दाख से शुरू हुई यात्रा अमृतसर में होगी संपन्न
बरबीघा (शेखपुरा) : गो माता का जिक्र भारतीय सभ्यता संस्कृति के विभिन्न धर्म ग्रंथों में वर्णित है. इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने भी गाय के दूध को शिफा, गाय के घी को औषधि और गौ मांस को जहर बताया है.
उक्त बातें मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के गौ सेवा रक्षा विभाग के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद फैज खान ने सोमवार को पत्रकारों के बीच तब कही जब भारत को पैदल लाने का लक्ष्य लेकर लेह लद्दाख से आरंभ की गयी यात्रा 27 सौ किलोमीटर पूरी करने के बाद वह अपने समर्थकों के साथ महावीर चौक पहुंचे. मोहम्मद फैज खान ने बताया कि किसी भी इस्लाम के किताब में यह नहीं कहा गया है कि मुसलमानों को गौ मांस खाना जरूरी है. हिंदुओं के विभिन्न वर्गों द्वारा भी सफेदपोश लवादा ओढ़कर इस घृणित कार्य को अंजाम दिया जा रहा है.
मोहम्मद फैज खान ने बताया भेड़, बकरी, मुर्गा-मुर्गी, ऊंट आदि के मांसों के निर्यात की ओट में गौ मांस के निर्यात का धंधा भी गुपचुप तरीके से जारी है. उन्होंने इस फेरहिस्त में फिल्मी कलाकार ऋषि कपूर, अभिनेत्री काजोल, ऋचा चड्ढा और पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू का उदाहरण देते हुए ऐसे तथाकथित बुद्धिजीवियों से समाज को सबक लेने की बात कही. मोहम्मद फैज खान ने पत्रकारों को बताया ईसाई धर्म के परिवर्तक ईसा और भगवान कृष्ण का जन्म गौशाला में हुआ.
जबकि भगवान राम का जन्म भी गौ कृपा से हुआ माना जाता है. उन्होंने कहा कि मक्का में भी भेड़ बकरी आदि की कुर्बानी दी जाती है न कि गाय की. गौ का तात्पर्य केवल गाय से नहीं, बल्कि पृथ्वी और माता से भी है. इसलिए वर्तमान परिपेक्ष में गो सेवा एवं सद्भावना यात्रा द्वारा तीनों की रक्षा के लिए अभियान चलाना और लोगों को जागृत करना उनका लक्ष्य है.
सामाजिक और राजनीतिक विद्वेष फैलाने वालों पर किया प्रहार:
मोहम्मद फैज खान ने राजस्थान के अपने सहयोगी वाहन चालक कैलाश प्रसाद पंडित, रुपेश वत्स, देहरादून से अपने साथ जुड़े हरिशंकर भारती और कोलकाता से साथ हुए. मोहम्मद एसएम हबीबुल्लाह आदि सहयोगियों के साथ पत्रकारों को बताया कि कुछ राजनीतिक दलों और समाज के तथाकथित बुद्धिजीवियों के द्वारा गौरक्षा, गौ सेवा आदि के नाम पर सामाजिक और राजनीतिक विद्वेष फैलाया जा रहा है. यह भारतीय अनेकता में एकता के सिद्धांत को चोट पहुंचाती है, जो बिल्कुल अनुचित है.

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