शेखपुरा : भागलपुर के सृजन घोटाले में शेखपुरा के डीडीसी निरंजन कुमार झा को नोटिस होने के बाद शेखपुरा में चल रहे मनरेगा में घोटाले को लेकर राजद ने मोरचा खोल दिया है. शुक्रवार की सुबह स्टेशन रोड स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित कर राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष राजनीति प्रसाद सिंह ने शेखपुरा में चल रहे मनरेगा घोटाले और उससे जुड़े कनीय अभियंता उज्जवल राज हत्याकांड में सीबीआइ जांच करने की मांग की है.
इस मौके पर राजद नेता रामनरेश यादव, विलास यादव, मो सफीक, रंजीत कुमार, रंजन कुमार और पिंटू रणविजय सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे. पार्टी नेताओं ने कहा कि शेखपुरा जिले में मनरेगा घोटाले की नींव वर्तमान डीडीसी ने शेखपुरा प्रखंड में बीडीओ रहते हुए रखी थी. एक बार फिर जब उसी वक्त में मुखिया पद को होल्ड करने वाले लोग अथवा उनके रिश्तेदार समर्थक जब पंचायत चुनाव में निर्वाचित होकर आये तब पुन: मनरेगा में बड़े घोटाले को अंजाम देने के लिए शेखपुरा के पूर्व बीडीओ को डीडीसी के रूप में यहां पर स्थापित किया गया.
उन्होंने कहा कि शेखपुरा के जिलाधिकारी दिनेश सिंह अगर हुसैनाबाद पंचायत में हुए मनरेगा घोटाले को गंभीरता से जांच नहीं करवाया होता तब उस घोटाले का अभी तक कोई अता-पता नहीं चल पाता. राजद नेताओं ने सृजन घोटाले से लेकर शेखपुरा में मनरेगा घोटाला की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है. साथ ही यह भी कहा है कि इन गंभीर मुद्दों को देखते हुए डीडीसी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाये, ताकि मनरेगा घोटाले की योजनाओं में गंभीरता पूर्वक जांच हो सके. राजद नेताओं ने साफ लहजे में कहा कि जिले के मजदूरों का हक मारने वाले और सरकार के विकास योजनाओं पर पानी फेरने वालों के विरुद्ध अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरने को विवश होगे. नेताओं ने यह भी कहा कि जिले में घोटालों को अंजाम दे रहे यह अधिकारी डीएम को भी अपनी जाल में फंसाने की साजिश कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें इन अधिकारियों से सचेत रहने की आवश्यकता है. इधर डीडीसी निरंजन कुमार झा ने बताया कि सृजन घोटाले में अवधि के दौरान कार्यरत सभी आरडीडी से निकासी की जानकारी मात्र मांगा गया था. इस मामले में भागलपुर डीएम को जानकारी भी उपलब्ध करा दी गयी है. उनके कार्यकाल में कोई भी राशि सृजन के लिए निकासी नहीं की गयी थी. इस घोटाले से उनका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है.