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लाखों खर्च के बाद भी सफाई व्यवस्था बदहाल
अनदेखी. कई मुहल्लों में भरे कूड़ा पात्र नगर पर्षद की खोल रहे पोल, लोग परेशानी ङोलने को हैं विवश न तो नगर पर्षद कूड़ा पात्र से नियमित रूप से कचरा उठाता है, न ही लोग कूड़ा पात्र में कचरा फेंकते हैं छपरा (सदर) : छपरा शहर की सफाई व्यवस्था के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपये […]
अनदेखी. कई मुहल्लों में भरे कूड़ा पात्र नगर पर्षद की खोल रहे पोल, लोग परेशानी ङोलने को हैं विवश
न तो नगर पर्षद कूड़ा पात्र से नियमित रूप से कचरा उठाता है, न ही लोग कूड़ा पात्र में कचरा फेंकते हैं
छपरा (सदर) : छपरा शहर की सफाई व्यवस्था के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कम-से-कम ढ़ाई सौ सफाईकर्मी लगे हैं. इसके अलावा एनजीओ के माध्यम से भी सफाई करने व कूड़ा उठाव की व्यवस्था की गयी है.
परंतु, विभागीय कार्यशैली व आम जनों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वाह नहीं करने की प्रवृत्ति से शहर के अधिकतर चौक-चौराहों पर कचरे का अंबार दिखता है.
समय पर कूड़ा पात्र से कचरा नहीं हटाना भी मुख्य वजह: नगर पर्षद प्रशासन के द्वारा शहर के विभिन्न वार्डो में 175 से ज्यादा बड़े कूड़ा पात्र लाखों की लागत से खरीद कर रखे गये हैं.
मई माह में इन कूड़ा पात्रों को विभिन्न चौक -चौराहों पर रखने के बाद विशेष मशीन के माध्यम से कचरे को उठा कर निश्चित स्थान पर फेंकने की व्यवस्था का दावा नगर पर्षद प्रशासन ने किया है. परंतु, एक से डेढ़ माह के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिखता. एक तो शहर के विभिन्न चौक -चौराहों पर रखे गये कूड़ा पात्रों से दो-दो सप्ताह तक कूड़ा का उठाव नहीं किया जाता. इसके गवाह शहर के दर्जनों चौक -चौराहे हैं,
इनमें नगरपालिका चौक से उत्तर जानेवाली सड़क, पुरानी गुड़हट्टी के पास रखा कूड़ा पात्र, सरकारी बाजार, मौना चौक के पास आदि स्थानों पर रखे गये कुड़े पात्र की स्थिति का जायजा ‘प्रभात खबर की टीम’ ने लिया. इस दौरान एक ओर जहां अधिकतर कूड़ा पात्र कई दिनों से भरे होने की बात सामने आयी, वहीं कई जगहों पर लोगों द्वारा कूड़े को कूड़ा पात्र में नहीं फेंक कर सड़कों पर फेंकने से राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
ऐसी स्थिति में नगर पर्षद की उदासीनता व आम जनों की कारगुजारियां सफाई व्यवस्था की पोल खोल रही हैं. कहने के लिए कई मुहल्लों में एनजीओ के द्वारा सीटी बजा कर कूड़ा घर-घर से लेने की की गयी है. इस एनजीओ की कारगुजारी भी सफाई व्यवस्था को सुचारु करने में बाधक बनी है.
सफाई से जुड़े सभी कर्मचारियों व पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है. अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों एवं पदाधिकारियों के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जायेगी.
विजय कुमार उपाध्याय, कार्यपालक पदाधिकारी, छपरा नगर पर्षद
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