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संरक्षा नियमों की अनदेखी
छपरा (सारण) : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा-बलिया रेलखंड पर मांझी स्थित 100 वर्ष पुराने रेल पुल से होकर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. इससे राजधानी एक्सप्रेस समेत कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का आवागमन होता है. अत्यधिक पुराने हो चुके इस रेल पुल से होकर गुजरनेवाली ट्रेनों की गति सीमा 15 किमी प्रति घंटे निर्धारित […]
छपरा (सारण) : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा-बलिया रेलखंड पर मांझी स्थित 100 वर्ष पुराने रेल पुल से होकर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. इससे राजधानी एक्सप्रेस समेत कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का आवागमन होता है. अत्यधिक पुराने हो चुके इस रेल पुल से होकर गुजरनेवाली ट्रेनों की गति सीमा 15 किमी प्रति घंटे निर्धारित कर दी गयी है. साथ ही रेल पुल पर इंजन के बंद हो जाने पर स्टार्ट नहीं करने का भी निर्देश जारी किया गया है. यह स्थिति गत एक दशक से बनी हुई है.
क्या है स्थिति
छपरा-बलिया रेलखंड पर मांझी में सरयू नदी पर निर्मित रेल पुल पूरी तरह अपनी आयु खो चुकी है. इस वजह से कभी भी इस रेल पुल से अप्रिय घटना होने की आशंका बनी रहती है. छपरा के देश के राजधानी समेत कई पश्चिम व उत्तर के राज्यों को जोड़नेवाले इस रेलखंड पर स्थित पुल की दयनीय स्थिति चिंता का विषय बना हुआ है.
विलंबित होती हैं ट्रेनें
इस रेल पुल से होकर गुजरनेवाली ट्रेनों की गति सीमा निर्धारित किये जाने से ट्रेनों के परिचालन में समय पालन में बाधा उत्पन्न हो रही है. साथ ही ट्रेनों के परिचालन में संरक्षण नियमों के पालन भी सही ढंग से नहीं हो रहा है.
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