Samastipur : मोहिउद्दीननगर . मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत एएनएम व जीएनएम को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बिहार राज्य प्रणाली डिजीटलीकरण (भव्या) के लिए विकसित किया गया एम ऐप का प्रशिक्षण गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में एएनएम व जीएनएम को मिला. पूर्व में दिये गये प्रशिक्षण में आशानुरूप सफलता नहीं मिलने के बाद पुनः प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई थी. प्रशिक्षक चितरंजन कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डिजिटल मिशन को घर-घर तक पहुंचाने के लिए एएनएम व जीएनएम को स्मार्ट बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. इस ऐप के माध्यम से ग्रामीणों को होने वाली बीमारियों सहित अन्य प्रकार की स्वास्थ्य और सुविधाओं को सीधे पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा. वहीं, विभागीय स्तर से सभी तरह की सेवाएं पेपरलेस करने की कवायद प्रारंभ कर दी गई है. इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली जन्म- मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया सहित अन्य प्रकार की बीमारियों सहित कई प्रकार की गतिविधियों को इस डिजिटल ऐप से जोड़ा जा रहा है. ताकि ग्रामीण इलाकों के किसी भी तरह के कार्यों को समय सीमा के अंदर पूरा करने में आशा कार्यकर्ताओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो सके. इस दौरान प्रशिक्षुओं को ऐप के तकनीकी पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी. बताया गया कि एएनएम स्वास्थ्य संबंधी सभी तरह का कार्य एम ऐप के माध्यम से करेंगी. बीसीएम राहुल सत्यार्थी ने बताया कि बार-बार निर्देश के बावजूद कर्तव्य का समुचित निर्वहन नहीं करने वाली पांच एएनएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इस मौके पर यूनिसेफ के बीएमसी अजय कुमार सिंह, खुशबू कुमारी, नेहा भारती, गीता कुमारी, रिचा कुमारी, सुवेदी कुमारी, अंजनी रानी, बबीता कुमारी, पुष्पा कुमारी, साधना सिंहा, राधा कुमारी, अजय कुमार, मान सिंह, राकेश कुमार, मो. मुस्तफा खान मौजूद थे.
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