मोहनपुर : दूध उत्पादन में आर्थिक आजादी के लिए नस्ल सुधार को बढ़ावा देना होगा. साथ ही पशु उत्पादकता के लिए जागरूक होने की जरुरत है. पशु की उत्पादन से ही आर्थिक लाभ मिलेगा. पशुपालकों की आमदनी तभी दोगुनी होगी, जब पशुओं में बांझपन की बीमारी नहीं होगी. यह बातें मंगलवार को प्रशिक्षक रामलखन प्रसाद ने कही. वे प्रखंड के जलालपुर पंचायत स्थित पश्चिम जलालपुर दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के पशुपालकों के लिए आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में बोल रहे थ. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गर्भाधान और गौ अभ्यारण्य विकसित किये जायें. ताकि पशुपालक किसान आत्मनिर्भर बन सके. पथ पर्यवेक्षक शिव प्रसाद यादव ने मिथिला दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति के द्वारा किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी. सहायक अजीत कुमार ने कहा कि पशुपालकों के हित में मिथिला डेयरी बेहतर काम कर रही है. पशुपालकों को अन्य डेयरी के द्वारा शोषण किया जाता है. इससे बचने की जरुरत है. अध्यक्षता वीरेन्द्र राय ने की. संचालन अविनाश कुमार ने किया. इस मौके रुमलाल महतो, अनिल राय, कारु महतो, नंदलाल राय, सिंगेश्वर पासवान, मनोज कुमार, सनोज कुमार, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, जयमाला देवी, संगीता देवी, पवन राय सहित दर्जनों पशुपालक मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है