वारदात. बैंक लूट की घटनाओं में हवा में हाथ-पांव भांजती रह जाती है पुलिस
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बैंकों का खजाना हो रहा खाली
वारदात. बैंक लूट की घटनाओं में हवा में हाथ-पांव भांजती रह जाती है पुलिस बैंक लूट की कई घटनाओं का अबतक नहीं हो सका खुलासा समस्तीपुर : बैंक लुटेरों के लिए समस्तीपुर सुरक्षित जोन बन गया है. घटनाओं को अंजाम देने के बाद अपराधी आराम से निकल जाते हैं. बैंक लूट की बड़ी घटनाओं में […]
बैंक लूट की कई घटनाओं का अबतक नहीं हो सका खुलासा
समस्तीपुर : बैंक लुटेरों के लिए समस्तीपुर सुरक्षित जोन बन गया है. घटनाओं को अंजाम देने के बाद अपराधी आराम से निकल जाते हैं. बैंक लूट की बड़ी घटनाओं में पुलिस की नाकामी इसके लिए जिम्मेवार है.
भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा से 27 लाख रुपये चोरी का मामला हो अथवा स्टेशन रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से दिनदहाड़े 28 लाख रुपये के लूट का मामला. घटना के वर्षों बाद भी पुलिस न ही रुपये बरामद कर सकी, न ही घटना में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर सकी. हालांकि इस दौरान निलंबित किये गये पुलिसकर्मी पुन: जरूर बहाल हो गये. जबकि घटना के बाद पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स का गठन तक किया था.
11 दिसंबर 2002 को शहर के स्टेशन रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से दिनदहाड़े अपराधियों ने बैंक खुलते बैंक पर धावा बोलकर 28 लाख रुपये लूट लिए थे. घटना के करीब 14 वर्ष गुजर गये लेकिन पुलिस को इस घटना में शामिल अपराधियों का सुराग नहीं मिला. पुलिस ने घटना को सत्य तो माना पर सूत्रहिन बताते हुए फाइन बंद कर दी. पुलिस फाइल के अनुसार इस घटना में गंगापार के अपराधियों के शामिल होने की बात बतायी है. इस घटना के बाद तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष निलंबित किये गये थे जो इन दिनों दूसरे जिले में थानाध्यक्ष के रूप में पदस्थापित हैं. जबकि पुलिस की फाइल में थानाध्यक्ष पर अपराधियों से सांठगांठ की बात कही गयी है.
वर्ष 2003 शहर के स्टेशन रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से अपराधियों ने एलआइसी का 22 लाख रुपये की चोरी कर ली. एलआइसी के कर्मी बैंक में पैसा जमा कराने आये थे. काउंटर के पास से रुपये से भरा बक्सा कब और कैसे गायब हो गये वह आज तक पुलिस पता नहीं लगा सकी. हालांकि इस मामले में बैंक के सुरक्षा गार्ड को पुलिस ने जरूर जेल भेज दिया.
वर्ष 2007 में अपराधियों ने एसबीआइ की मुख्य शाखा का ताला काट कर 27 लाख रुपये की चोरी कर ली. इस घटना में भी पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा. पुलिस ने इस मामले में बैंक की सुरक्षा में तैनात आधा दर्जन पुलिस के जवानों को निलंबित कर दिया. बैंक के तीन कर्मियों पर घटना में शामिल होने का शक जाहिर किया. लेकिन मामले का खुलासा नहीं हो सका. पुलिस व बैंक कर्मी पुन: बहाल हो गये. इन दिनों दूसरे जिलों में पदस्थापित हैं. कुछ जवान सेवानिवृत हो गये.
आठ नवंबर 2014 को अपराधियों ने राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से 11 लाख रुपये लूट लिए.
घटना के करीब दो वर्ष गुजर गये लेकिन इस मामले में पुलिस को कुछ खास सफलता नहीं मिली. पुलिस का मानना है कि घटना में मुजफ्फरपुर के अपराधियों का हाथ है.
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