मोहनपुर : प्रखंड के श्रीराम जानकी मंदिर की संपत्ति को लेकर दो गुटों के बीच तनाव खतरनाक रूप लेता जा रहा है़ मंदिर के न्यास समिति के सचिव ने कुछ वर्ष पहले बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को इस संबंध में पत्र दिया था़ इसके बाद पर्षद के अध्यक्ष किशोर कुणाल ने नवंबर 2014 में सचिव को यह निर्देश दिया था कि सचिव जिन पर मठ की संपत्ति के अवैध उपयोग का आरोप लगाया है उन्हें पद मुक्त किया जाये.
वस्तुत: स्थानीय न्यास समिति के अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार यादव एवं कोषाध्यक्ष सुमन राय पर पद का दुरूपयोग करने का आरोप समिति के सचिव अशोक राय ने लगाया था़ इसके बाद से लगातार तनाव बढ़ता गया़ उसके बाद बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अधीक्षक राजेश कुमार श्रीवास्तव ने तत्कालीन एसपी को पत्र लिखकर संज्ञान लेने को कहा था़ पत्र में मंदिर के संबंध में पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका का हवाला देते हुए कहा गया था कि न्यायालय ने सीडब्लूजेसी 4272/2015 से 23 मार्च 2015 को आदेश पारित करते हुए धार्मिक न्यासों की भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित सुनवाई आरंभ की है़ न्यास पर्षद के अधीक्षक ने एसपी को दिये गये अपने पत्र में सचिव के आरोप पत्र की छाया प्रति भी संलग्न की थी़ सचिव का अध्यक्ष पर आरोप है कि श्रीराम जानकी मंदिर, रामचन्द्रपुर दशहरा की तीन बीघे जमीन पर अध्यक्ष ने अवैध कब्जा कर लिया है. इसके अतिरिक्त 1़5 बीघे के पोखर से हजारों टेलर मिट्टी काटकर बेच दी है़
उसी तरह कोषाध्यक्ष सुमन राय पर सचिव ने सोलह कट्ठे जमीन पर अवैध कब्जा करके जमीन पर लगे पेड़ को काटकर बेच देने का आरोप लगाया है़ इसके बाद डीसीएलआर पटोरी ने पर्षद को पत्र लिखकर मंदिर की ओर से बैठक नहीं आयोजित किये जाने एवं मठ के विकास एवं संचालन पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ने की बात बतायी थी़ बीते हफ्ते यह विवाद तब और अधिक गहरा गया जब सचिव अशोक कुमार राय ने एसपी को पत्र लिखकर अपने जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगायी़
सचिव ने मठ की जमीन पर लगे बबूल के पेड़ की डालियां काटने गये लोगों को अध्यक्ष द्वारा रोके जाने एवं मार डालने की धमकी दिये जाने का आरोप लगाया है़ इसके बाद रामचन्द्रपुर दशहरा में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है़