बनमा ईटहरी . प्रखंड में इन दिनों शिक्षा व्यवस्था का हाल ठीक नहीं है. इसका कारण पदाधिकारी का नहीं होना बताया जा रहा है. कई महीने से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का पद प्रभार में चल रहा है. ऐसे में स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था की निगरानी अपनी जगह, कार्यालय का रूटीन काम भी सही से नहीं हो पा रहा है. आम तौर पर एक ब्लॉक की जिम्मेदारी एक बीईओ के पास होती है, लेकिन बनमा ईटहरी की प्रभारी बीइओ के चार प्रखंडों का काम-काज एक पदाधिकारी के जिम्मे है. हालांकि शिक्षक समुदाय इसका कोई विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन कई महिनों से बीईओ की स्थायी पोस्टिंग नहीं किए जाने से कार्यालय में हो रही परेशानी सामने आने लगी है. कई तरह की परेशानियों का सामना शिक्षकों को करना पड़ रहा है. बता दें कि बनमा ईटहरी की प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार सविता कुमारी के जिम्मे हैं. सविता कुमारी मूल रूप से सलखुआ प्रखंड में पदस्थापित हैं, लेकिन पदाधिकारियों की कमी के कारण उन्हें महिषी, सत्तरकटैया व बनमा ईटहरी प्रखंड का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है. छात्र नेता नीरज कुमार निराला, कांग्रेस नेता राम कुमार पासवान, लोजपा नेता अमित कुमार, अमरेंद्र यादव ने कहा कि बनमा ईटहरी प्रखंड में स्थायी बीईओ की पोस्टिंग नहीं होने से कार्यों में काफी दिक्कत हो रही है. कई प्रखंडों का प्रभार होने के कारण कोई भी काम समय पर नहीं हो पाता है. शिक्षकों का वेतन, एरियर एवं सर्विस बुक पर हस्ताक्षर जैसे कई तरह के कार्य नहीं हो पा रहे हैं.बीईओ के एक से अधिक प्रखंड के प्रभार में रहने से प्रखंड भर के स्कूल में पठन-पाठन पर भी ध्यान नहीं दे पाती हैं. नियमित रूप से वे विद्यालयों की जांच नहीं हो पाती है. इसका असर सरकारी विद्यालयों पर साफ पड़ रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक संजय झा, रत्नेश रंजन, रणवीर यादव, रोशन कुमार, कौशल कुमार, अंगद यादव, भवेश कुमार, अजित कुमार, सज्जन कुमार का कहना है कि बीते दिनों परसबन्नी स्कूल में जान जोखिम में डालकर छत पर से बच्चे कूदते दिखे, जो एक शिक्षक की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है. इस मामले में शिक्षा विभाग द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं की गयी है. विभिन्न स्कूलों में पठन-पाठन में गड़बड़ी, खासकर मध्याह्न भोजन को लेकर आ रही गड़बड़ियों की मॉनीटरिंग भी ठीक से नहीं हो पा रही है. इसका खामियाजा विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. पढ़ाई प्रभावित होने से नाराज ग्रामीण विरोध भी जताते हैं. बावजूद कार्रवाई नहीं हो पाती है. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सविता कुमारी ने बताया कि चार-चार प्रखंडों का प्रभार मिला है. ठीक ढंग से हम एक प्रखंड में समय नहीं दे पा रहे हैं. बहुत सारा विभागीय काम रहता है.
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