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संपूर्ण सृष्टि ओंकार से ही संचालित : स्वामी प्रेम चैतन्य

संपूर्ण सृष्टि ओंकार से ही संचालित : स्वामी प्रेम चैतन्य एक दिवसीय ओशो धारा ध्यान शिविर आयोजित प्रतिनिधि, सहरसा शहरस्थानीय मनोहर उच्च विद्यालय के प्रांगण में एक दिवसीय ध्यान सत्संग एवं मुद्रा चिकित्सा शिविर का आयोजन ओशा धारा मैत्री संघ द्वारा की गयी. कार्यक्रम में पटना से आये आचार्य स्वामी प्रेम चैतन्य ने धर्म की […]

संपूर्ण सृष्टि ओंकार से ही संचालित : स्वामी प्रेम चैतन्य एक दिवसीय ओशो धारा ध्यान शिविर आयोजित प्रतिनिधि, सहरसा शहरस्थानीय मनोहर उच्च विद्यालय के प्रांगण में एक दिवसीय ध्यान सत्संग एवं मुद्रा चिकित्सा शिविर का आयोजन ओशा धारा मैत्री संघ द्वारा की गयी. कार्यक्रम में पटना से आये आचार्य स्वामी प्रेम चैतन्य ने धर्म की व्याख्या करते हुए सत्संग की शुरूआत की. निराकार राम की चर्चा उन्होंने रामायण व गीता का उद्धरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि संपूर्ण सृष्टि ओंकार से ही संचालित है. वहीं कृष्ण की बांसुरी है जिसे संतों ने दिव्य नाद कहा है. आज लोग दुख, चिंता, तनाव आदि से ग्रसित हैं जिसके निदान के लिए हमारे परम गुरु ओशा ने ध्यान का सिद्धांत दिया है. ध्यान शिविर में संजीवनी ध्यान का महत्व बताकर उसका प्रयोग साधकों के बीच कराया गया. दूसरे सत्र में स्वामी अंतर आनंद ने अंगुलियों के माध्यम से मुद्रा का विस्तार से चर्चा की. साथ ही जीवन में होने वाली बीमारियों से मुक्ति का सरल उपाय बताया. उन्होंने कहा कि बुद्ध की विपासना, अनापानसती योग पर आधारित आनंद प्रज्ञा व शतगुरु त्रिविर की ध्यान विधियां, गुरु गोरखनाथ व संत कबीर का अजपा जाप, गुरुनानक देव का ओंकार सत नाम, महर्षि पतंजलि की समाधि एवं सांस संत सुमिरण की कला सात फरवरी से 13 फरवरी तक होने वाली छह दिवसीय शिविर में सिखायी जायेगी. इस एक दिवसीय शिविर में अरुण कुमार अग्रवाल, पूर्व विधिक संघ अध्यक्ष गणेश झा, अशोक राय सहित अन्य मौजूद थे. फोटो-ओशो 10- शिविर में प्रवचन देते संतफोटो- ओशो 11- शिविर में मौजूद भक्त

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