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प्लेटफार्म खाली रहने पर भी बेवजह सोनवर्षा कचहरी स्टेशन पर ढाई घंटे रोकी गयी ट्रेन, परेशान रहे यात्री

सहरसा : सहरसा-मानसी रेलखंड पर अप व डाउन में रोजाना ट्रेनों का घंटों विलंब होना नियति बन चुकी है. कई बार सहरसा जंक्शन पर प्लेटफार्म खाली रहने के बावजूद सिमरी बख्तियारपुर, सोनवर्षा कचहरी, कोपरिया, धमारा घाट स्टेशनों पर बेवजह ट्रेनों को घंटों रोक दिया जाता है. दरअसल सहरसा-मानसी रेलखंड पर कंट्रोल की मनमर्जी से ट्रेनें […]

सहरसा : सहरसा-मानसी रेलखंड पर अप व डाउन में रोजाना ट्रेनों का घंटों विलंब होना नियति बन चुकी है. कई बार सहरसा जंक्शन पर प्लेटफार्म खाली रहने के बावजूद सिमरी बख्तियारपुर, सोनवर्षा कचहरी, कोपरिया, धमारा घाट स्टेशनों पर बेवजह ट्रेनों को घंटों रोक दिया जाता है. दरअसल सहरसा-मानसी रेलखंड पर कंट्रोल की मनमर्जी से ट्रेनें दौड़ रही है. इसके पीछे एक कारण यह भी है कि कंट्रोल और अन्य स्टेशनों के एएसएम के बीच आपसी तालमेल का न होना.

सहरसा-मानसी रेलखंड के विभिन्न स्टेशनों के एएसएम ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सहरसा जंक्शन पर प्लेटफार्म खाली रहने के बावजूद ट्रेनों को बेवजह रोक दिया जाता है. कई बार उन्हें यात्रियों के कोपभाजन का शिकार भी बनना पड़ता है. जबकि हाल ही में पटना से सहरसा आ रही राज्यरानी एक्सप्रेस सोनवर्षा कचहरी स्टेशन पर अधिक देर तक रुकने की वजह से यात्रियों ने जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़‍ की थी.
बावजूद इसके रेल प्रशासन ने अब तक कोई सबक नहीं लिया. गुरुवार को सहरसा-मानसी रेलखंड पर आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें 3-4 विलंब हुई. बल्कि समस्तीपुर-सहरसा 55560 पैसेंजर ट्रेन 140 मिनट तक सोनवर्षा कचहरी स्टेशन पर शंटिंग लाइन में बेवजह रोक दी गयी. एएसएम ने जब कंट्रोल से बात कर जानकारी दी कि यात्री काफी परेशान हैं और शोर शराबा मचा रहे हैं.
इस पर कंट्रोल का कहना था कि जब तक अप में गरीब रथ व इंटरसिटी एक्सप्रेस सहरसा जंक्शन से नहीं खुलेगी, पैंसेजर ट्रेन सोनवर्षा कचहरी में रुकी रहेगी. उधर उमस भरी गर्मी में यात्री काफी परेशान रहे. काफी देर तक जब ट्रेन खुलने की सूचना नहीं मिली तो यात्री सहरसा जंक्शन तक टिकट रहने के बावजूद ट्रेन से उतरकर किराये के ऑटो से सहरसा जंक्शन पहुंचे.
यहां तक की गुस्साये रेल यात्रियों ने सोनवर्षा कचहरी व सहरसा जंक्शन पर एसएसम चेंबर में घुसकर काफी देर तक शोर शराबा किया. बावजूद इसके अप व डाउन में ट्रेन घंटों विलंब हो रही रेल प्रशासन में कोई इसकी जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं है और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
यार्ड में शंटिंग लाइन बनाने पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं
सहरसा जंक्शन पर 58 ट्रेनों का ठहराव है. 25 हजार से अधिक यात्रियों की रोजाना आवाजाही है. ट्रेन का लोड बढ़ने के बावजूद यार्ड में शंटिंग की योजना खटाई में पड़ गयी है. जबकि पिछले माह से काम शुरू होना था. अब तक यहां पांच मेन लाइनें व प्लेटफार्म हैं, जो पर्याप्त है.
लेकिन अतिरिक्त शंटिंग लाइन नहीं होने की वजह से मेन लाइन से इंजन की शंटिंग होती है. एक इंजन की शंटिंग में 20-25 मिनट का समय लगता है. अगर अतिरिक्त शंटिंग लाइन बनती तो ट्रेनों का परिचालन निर्धारित समय पर होगा और डाउन में ट्रेनें भी अधिक विलंब नहीं होगी.
परिचालन विभाग नहीं ले रहा कोई जिम्मेवारी : कुछ दिन पहले ही समस्तीपुर रेल मंडल में नियम व शर्ते लागू की गयी थी कि अगर निर्धारित समय पर अप व डाउन में कोई ट्रेन विलंब हुई तो कंट्रोल सहित एसएस व एएसएम इसके जिम्मेवार होंगे, उन्हें स्पष्टीकरण भी देना होगा.
लेकिन पिछले सात दिनों में अप व डाउन में लगभग कई ट्रेनें तीन-चार घंटे विलंब हो रही है. इसकी जिम्मेवारी लेने को रेल प्रशासन कतई तैयार नहीं है. जबकि सहरसा-मानसी रेलखंड पर 40 किलोमीटर की दूरी तय करने में सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेन को 3 से 4 घंटे का समय लग जाता है.
ट्रेन विलंब होने पर यात्रियों ने किया हंगामा
टिकट रहने के बावजूद ट्रेन से उतरकर ऑटो से सहरसा पहुंचे ट्रेन के यात्री
सहरसा-मानसी रेलखंड पर रोजाना 40 किलोमीटर की दूरी तय करने में सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेन को 3-4 घंटे का लगता है समय
रोजाना अप डाउन में ट्रेनें हो रहीं हैं तीन से चार घंटे विलंब
कंट्रोल की मनमर्जी से सहरसा-मानसी रेलखंड पर दौड़ रही ट्रेनें
गुरुवार को भी हाटे बाजार, इंटरसिटी, चंपारण हमसफर सहित कई ट्रेनें विलंब
कितनी देर लेट हुईं ट्रेनें
23226 डाउन इटरसिटी : 2 : 30 घंटा
23225 अप इंटरसिटी : 2 : 40 घंटा
13164 हाटे बाजार : 1 :20 घंटा
55560 समस्मीपुर पैसेंजर : 2: 20 घंटा
15705 चंपारण हमसफर : 6: 30 घंटा
55559 समस्तीपुर पैसेंजर : 1: 10 घंटा
13206 जनहित एक्स : 1: 30 घंटा
कहते हैं रेल यात्री
समस्तीपुर-सहरसा पैसेंजर ट्रेन में सफर करने वाले यात्री प्रीतम सिंह व धीरज ने बताया कि करीब दो घंटे से सोनवर्षा कचहरी स्टेशन पर ट्रेन रुकी है. कब खुलेगी रेल प्रशासन जवाब देने को तैयार नहीं है. रोजाना ट्रेनों का लेट होना नियति बन चुकी है. अब ट्रेन से उतरकर किराये के ऑटो से सहरसा जाना होगा. रेल विभाग को चाहिए व्यवस्था में परिर्वतन करे.
रेल नीर नहीं बेचा तो रद्द होगा लाइसेंस
सहरसा. समस्तीपुर रेल मंडल अंर्तगत पिछले माह ही यह नियम लागू किया गया था कि अगर छोटे-बड़े सहित सभी स्टेशनों पर अगर वेंडर रेल नीर नहीं बेचेंगे तो उसका लाइसेंस रद्द होगा. लेकिन मांग के अनुरूप रेल नीर की आपूर्ति में कमी की वजह से फिलहाल इस नियम पर ब्रेक लग गया था. लेकिन अब रेल मंडल में रेल नीर को काफी मात्रा में रि स्टोर किया गया है. अगर अब कोई वेंडर ट्रेन, प्लेटफार्म व पेंट्री कार स्टाफ रेल नीर की जगह दूसरे कंपनी की बोतल ब्रिकी करते पाया गया तो वेंडरों का लाइसेंस सीधा रद्द होगा. आइआरसीटीसी के वरीय पर्यवेक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि यह व्यवस्था अब नये सिरे से लागू कर दी गयी है.

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