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कोई विकास योजना नहीं हुई लागू
इलाके में नहीं दिखता कोई सफाई कर्मचारी क्वार्टरों के पीछे लगा शौच का ढेर डेहरी (कार्यालय) : नगर पर्षद का ऐसा क्षेत्र जहां पांच वर्षों में विकास के लिए कोई योजना नहीं बनी न काम हुआ वह है वार्ड छह. इसे सुन कर आप चौंकिये मत. डेहरी डालमियानगर नगर पर्षद में इन पांच वर्षों में […]
इलाके में नहीं दिखता कोई सफाई कर्मचारी
क्वार्टरों के पीछे लगा शौच का ढेर
डेहरी (कार्यालय) : नगर पर्षद का ऐसा क्षेत्र जहां पांच वर्षों में विकास के लिए कोई योजना नहीं बनी न काम हुआ वह है वार्ड छह. इसे सुन कर आप चौंकिये मत. डेहरी डालमियानगर नगर पर्षद में इन पांच वर्षों में पद पर आसीन रहे अधिकारी हो या कर्मचारी मुख्य व मुख्य पार्षद हो या पार्षद किसी ने यह सोच नहीं कि यह वार्ड भी शहर का एक हिस्सा है. कभी इमानदारी पूर्वक मूलभूत समस्याओं के लिए कोई योजना बना कर उसे कार्यान्वित करने का प्रयास नहीं किया गया.
एक रटा-रटाया सा जवाब दे कर योजनाएं तो बनती है. लेकिन, रोहतास उद्योग समूह काम होने पर रोक लगा देता है. उक्त जवाबदेह लोग कर्तव्यों का इतिश्री मान लेते हैं. वे शायद यह भूल गये हैं कि बीते पांच वर्षों के पूर्व इसी परिसर मेें कई अन्य को क्रियान्वित किया गया है. चूंकि यह पूरा वार्ड रोहतास उद्योग समूह के परिसर की कॉलोनी है. इस पर पहले से अपना लाखों रुपये टैक्स के बकाये का दावा भी किया है.
उत्तर में न्यू सिंधौली, दक्षिण में ऐतिहासिक झंडा चौक, पूरब में रजवरवा बिगहा वार्ड पांच व पश्चिम में एकता चौक चौहद्दी वाले उक्त वार्ड की जनसंख्या करीब पांच हजार व मतदताओं की संख्या 2800 है. वार्ड में कोई स्कूल नहीं है. कंपनी के चालू रहने के समय मिनी मुंबई के नाम से मशहूर डालमियानगर के उक्त वार्ड में वर्ष 1984 के बाद से शौच (पैखानों) को बाहर नहीं फेंके जाने से भयावह स्थिति उत्पन्न हो गयी है़
क्वार्टरों के पीछे 20 से 30 फुट की खाली जमीन में खाट बिछा कर आराम करने वाले कर्मचारी मलमूत्र के दुर्गंध से र्क्वाटरों के भीतर से अपने खाट को ले कर अन्यत्र जाने की जुगत में लगे हैं. लेकिन, मजबूरी में उन्हें यहां रहने को विवश कर रहा है. वार्ड में वर्ष 81 से ही पानी की सप्लाई बंद है. बिजली का कनेक्शन किसी भी र्क्वाटर में नहीं है.
हल्की सी बारिश होने पर ही वार्ड में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर सहित गलियों में पानी भर जाता है. शहर ही नहीं आस-पास के गांवों के महत्वपूर्ण सब्जी मंडी भी इसी वार्ड में है. उसकी स्थिति काफी दयनीय है. वार्ड पांच व अन्य हिस्सों का पानी भी इसी वार्ड में भर जाता है. मुख्य नाला जाम रहने के कारण यहां तालाब सा नाजारा उतपन्न हो जाता है.
स्टार टाइप, एस ब्लॉक, एम ब्लॉक, पी ब्लॉक, एल ब्लॉक, एन ब्लॉक को मिला कर बने इस वार्ड में पांच में 14 सोलर लाइट व 16 एलइडी लाइट लगाने का दावा पर्षद की तरफ से होती है़ वार्ड में रात में कुछ ही लाइट सड़क पर जलती हुई नजर आती है. उद्योग समूह के झाड़ूकश ही मात्र सड़कों पर झाड़े देते नजर आते हैं. उद्योग को किसी योजना को कार्यान्वित में बाधक बताने वाले भूल जाते हैं कि कॉलाेनी की भूमि पर स्वामित्व उद्योग समूह का है. इस लिए उससे अनुमति लेना कोई गलत नहीं है.
समूह के प्रशासक एआर वर्मा कहते है कि अभी तक मैं विकास योजना चलाने के लिए जितनी बार अनुमति मांगी गयी आवश्यकतानुसार अनुमति प्रदान किया गया है़ इधर, नप का यह कहना है कि कॉलोनी में रहने वालों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध है. अगर ऐसा नहीं है, तो फिर वह कैसे उद्योग समूह पर अपने टैक्स का दावा करता है.
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