Advertisement
चेकों का भुगतान अटका, भेजा पत्र
नप. इओ के जारी चेकों पर रोक का मामला कोषागार पदाधिकारी ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को लिखा पत्र सासाराम कार्यालय : नगर पर्षद के चेकों के भुगतान का मामला उलझता जा रहा है. पत्राचार पर पत्राचार हो रहा हैं. लेकिन, मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. अब नगर विकास एवं […]
नप. इओ के जारी चेकों पर रोक का मामला
कोषागार पदाधिकारी ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को लिखा पत्र
सासाराम कार्यालय : नगर पर्षद के चेकों के भुगतान का मामला उलझता जा रहा है. पत्राचार पर पत्राचार हो रहा हैं. लेकिन, मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. अब नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव के पत्र के बाद कोषागार पदाधिकारी ने प्रधान सचिव काे पत्र लिखा है. उसमें बताया है कि बिहार पर्षदीय प्रकरण नियमावली नियम चार में प्रावधान है कि दो प्राधिकारों के बीच विवाद को संबंधित पक्ष वरीय प्राधिकार के संज्ञान में लायेंगे. परंतु, इस मामले में निहित सभी पक्ष कोषागार को राजनीति का केंद्र बना कर रख दिया है.
यह अशोभनीय है. मामला विभाग के पास जाना चाहिए. अपने पत्रांक 965 दिनांक 14 जून, 2016 में कोषागार पदाधिकारी कमल किशोर चौधरी ने लिखा है कि नगर पर्षद के दोनों पक्षों द्वारा चेकों के भुगतान के बाबत कोषागार पदाधिकारी को जिम्मेवार कहना धमकी है. जो संज्ञेय अपराध है.
दूसरी ओर पदाधिकारी गण स्पष्ट आदेश निर्गत नहीं कर पा रहे हैं, तो मेरे जैसा कनीय पदाधिकारी चेक पारित करने का साहस कैसे कर सकता है. पशुपालन घोटाले में भी कोषागार पदाधिकारी पर विपत्र पारित करने के कारण कार्रवाई हुई थी. इस परिपेक्ष में 21 जून, 2016 तक विवादित चेक पारित किया जाये या नहीं स्पष्ट आदेश या निर्देश दिया जाये. इसके बाद ही चेक पारित करने की कार्रवाई की जायेगी. भविष्य में किसी अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेवारी होगी. मेरा कार्य विभाग को सूचित करना है. जांच या कार्रवाई करना नहीं.
मुख्य व उप मुख्य पार्षद ने भी भुगतान रोकने के लिए कोषागार को भेजा पत्र
गौरतलब है कि 18 अप्रैल, 2016 को मुख्य पार्षद नाजिया बेगम ने नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा निर्गत चेकों के भुगतान पर रोक लगाने का पत्र कोषागार को लिखा था.
तब से समय -समय पर चेकों के भुगतान को लेकर कोषागार पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी व अन्य वरीय पदाधिकारियों के बीच पत्रकार हो रहा है. हाल के दिनों में मुख्य पार्षद की पद से बरखास्त होने के बाद उप मुख्य पार्षद चंद्रशेखर सिंह ने भी चेकों के भुगतान पर रोक लगाने का पत्र कोषागार को भेजा था.
इस बीच नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव ने पत्र लिख कोषागार संहिता में चेकों के भुगतान पर रोक लगाने का मुख्य पार्षद को किसी तरह का अधिकार नहीं होने की बात कही थी. इसके बाद भी यह मामला फंसा हुआ है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement