सासाराम नगर : कभी नक्सलियों के लिए डेहरी शहर पनागाह बना रहता था. कुछ सालों तक शांति बनी रही. इधर, चुनाव आया है, तो एक बार फिर अपराधियों व नक्सलियों की चहल कदमी बढ़ गयी है.
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डेहरी शहर में एक बार फिर हो रहा अपराधियों का जमावड़ा!
सासाराम नगर : कभी नक्सलियों के लिए डेहरी शहर पनागाह बना रहता था. कुछ सालों तक शांति बनी रही. इधर, चुनाव आया है, तो एक बार फिर अपराधियों व नक्सलियों की चहल कदमी बढ़ गयी है. इससे लोगों में शंका-आशांका घर करने लगा है. इनका कई राजनीतिक दल इस्तेमाल करने के फिराक में है. इधर, […]
इससे लोगों में शंका-आशांका घर करने लगा है. इनका कई राजनीतिक दल इस्तेमाल करने के फिराक में है. इधर, पुलिस भी चिह्नित प्रत्याशियों के मूवमेंट पर पैनी नजर रख रही है. लोकसभा चुनाव के साथ डेहरी विधानसभा का उपचुनाव हो रहा है.
उपचुनाव सत्ता पक्ष व महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है. कई राजनितिक दलों व निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराना चाहते है. कई ऐसे प्रत्याशी है जिनको जीत हार से कोई खास मतलब नहीं है. पार्टी व जातीय समिकरण को बिगाड़ खुद को राजनीति में स्टैंड करना चाहते है.
चुनाव में अपराधियों का खास महत्व होता है. जितना बड़ा अपराधी होगा. उसकी उतनी ही ऊंची बोली लगती है. हालांकि, पूर्व की तरह स्थिति नहीं है. मतदान केंद्रों तक अपराधियों की पहुंच मुमकिन नहीं है. लेकिन ये लोग अपने अपने क्षेत्रों में अपने प्रभाव से मतदाताओं के मुड़ के रूख को मोड़ सकते है.
औरंगाबाद जिले के तीन विधानसभा गोह, ओबरा व नबीनगर काराकाट लोकसभा क्षेत्र में आते हैं. डेहरी में विभिन्न पार्टियों का कार्यालय खुला है और यहीं से चुनाव की रणनीति बनायी जाती है. प्रत्याशियों के बुलावे पर पड़ोसी जिले के अपराधी डेहरी पहुंच रहे है. उनके रहने, खाने-पीने का विशेष इंतजाम प्रत्याशियों के खास कर रहे है.
कुछ इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव
चुनाव में अपराधी व नक्सली दोनों की पूछ बढ़ी है. दोनों का जमावड़ा भी लग रहा है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि औरंगाबाद जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है. वर्तमान समय में भी उनमें नक्सलियों की तूती बोलती है. अगर वहां बढ़त बनानी है, तो नि:संदेह नक्सलियों को मैनेज करना होगा.
उसी तरह रोहतास जिले के कई प्रखंडों में अपराधियों का प्रभाव है. विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी दोनों पर डोरे डाल रहे है. चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी पुराने परंपरा को फिर से जीवंत करने में लगे हैं. हालांकि, पुलिस हर गतिविधि पर पल पल नजर रख रही है.
अपराधियों व नक्सलियों के चहल कदमी से डेहरी की जनता आशंकित है कि कहीं फिर से यह शहर नक्सलियों में कोई बड़ा नाम नहीं है. जिनको पुलिस चिह्नित कर सके, लेकिन जनता सबको जानती है ये भले ही नामचीन नहीं हो लेकिन कभी भी बड़ी घटना को अंजाम देने का मादा रखते है. पुलिस भी दबी जुबान से इसकी पुष्टि करने लगी है.
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