Bihar School Closed: बिहार के सरकारी विद्यालयों में इस बार की गर्मी की छुट्टियां सिर्फ़ आराम का मौक़ा नहीं, बल्कि ‘गणित से यारी’ की सुनहरी खिड़की भी खोलने जा रही हैं. शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि 2 जून से 21 जून 2025 तक चलने वाले अवकाश के दौरान कक्षा 5 और 6 के उन विद्यार्थियों के लिए विशेष ‘मैथ समर कैंप’ लगाया जाएगा. जिनकी अंकगणितीय पकड़ कमजोर मानी गई है. यह पहल प्रथम संस्था के सहयोग से राज्य‑भर में गांव-गांव, टोला‑टोला तक पहुंचाई जाएगी, ताकि किसी बच्चे को दूरी या संसाधनों की कमी के कारण अवसर से वंचित न रहना पड़े.
दो शिफ़्ट, 10‑15 बच्चों की छोटी कक्षाएं
कैंप का टाइम‑टेबल बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. सुबह 7 से 9 बजे और शाम 5 से 7 बजे तक रोज़ाना दो घंटे की दो शिफ़्ट चलेंगी. प्रत्येक सत्र में अधिकतम 15 बच्चों का बैच होगा, ताकि पर्सनल ध्यान दिया जा सके. असर टूल्स (ASER) से आकलन कर पहले ही उन छात्रों की पहचान कर ली गई है जिन्हें बुनियादी जोड़‑घटाने या मुल्टिप्लिकेशन‑डिविज़न में दिक्कत आती है. इन्हीं चिन्हित बच्चों को कैंप में विशेष आमंत्रण भेजा गया है.
संगठन और स्वयंसेवकों की ज़िम्मेदारी
समर कैंप की रीढ़ होंगे प्रशिक्षित स्वयंसेवक. डायट के प्रशिक्षु शिक्षक, एनसीसी कैडेट, पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र‑छात्राएं, जीविका दीदियों द्वारा प्रेरित युवा समूह, नेहरू युवा केंद्र के सदस्य तथा बिहार कौशल विकास मिशन के ‘कुशल युवा’- सभी को चार‑दिवसीय ओरिएंटेशन देकर तैयार किया जा रहा है. स्वयंसेवक हर दिन बच्चों के गांव या मोहल्ले में पहुंचकर 60‑90 मिनट की ‘हैंड्स‑ऑन’ गतिविधियां कराएंगे. चटाई पर बैठकर बीजगणित के सूत्र नहीं, बल्कि खेल‑खेल में भिन्न, माप और ज्यामिति समझाई जाएगी.
अभिभावकों को भी जोड़ने की तैयारी
शिक्षा निदेशालय ने ज़िला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि अभिभावकों की भागीदारी कैंप की सफलता की कुंजी होगी. शाम के सत्र समाप्त होने पर 10 मिनट का ‘पेरेंट ब्रेक’ रखा गया है, जहां स्वयंसेवक बच्चों की प्रगति साझा करेंगे और घर पर अभ्यास कराने के सरल तरीके बताएंगे. विभाग का लक्ष्य है कि कैंप ख़त्म होते‑होते हर प्रतिभागी छात्र बुनियादी गणना सुगमता से कर सके और आगामी सत्र की पढ़ाई में आत्मविश्वास के साथ कक्षा में कदम रखे.