सांपों का रेस्क्यू करने वाला जय कुमार सहनी खुद सर्पदंश का शिकार हो गया. गुरुवार की शाम उसकी मौत हो गई. हरपुर भिंडी पंचायत का रहने वाला जय कई सालों से सांप को अपना दोस्त समझता था. पूरे जिले में सर्प मित्र के नाम से उसे जाना जाता था. कहीं से भी बुलावा आता वह निर्भीक होकर पहुंचता. पिछले पांच सालों में उसने करीब 2000 सांपों का रेस्क्यू कर चुका था.
विषैले सांपों को भी चुटकी बजाकर वश में करता था
जय विषैले सांपों को भी अपनी चुटकी बजाकर अपने वश में करता, फिर उसे सुरक्षित ले जाकर जंगल में छोड़ देता. वह आत्मविश्वास से इतना लवरेज था कि सांप को ही अपना मित्र बना बैठा. कई बार सांप के साथ करतब करता नजर आया. पहले वह रॉड के सहारे सांपों को पकड़ता था. आत्मविश्वास इतना बढ़ गया कि पिछले कुछ दिनों से वह बिना छड़ी के ही हाथ से सांप पकड़ना शुरू कर दिया. इसी गलतफहमी के कारण उसकी जान चली गई.
सर्प मित्र के नाम से जाना जाता था
गुनाई बसही पंचायत में गुरुवार को दोपहर वह सांप का रेस्क्यू करने गया था. लोगों की सूचना पर विशाल कोबरा का वह रेस्क्यू करने लगा. इसी क्रम में कोबरा ने उसे काट लिया. सांप के काटते ही उसे मूर्छा आने लगी. तत्काल लोग उसे समस्तीपुर सदर अस्पताल लेकर भागे.
वहां पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. जानकारी मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छा गई. लोगों का कहना था कि कितने विषैले सांपों को उसने जीवनदान दिया था लेकिन वही सांप उसका काल बन गया.
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