पटना.
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के स्कूल ऑफ नैनो साइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी ने एक नया इतिहास रचते हुए बिहार स्टार्टअप योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय का पहला स्टार्टअप स्थापित किया है. इस स्टार्टअप के लिए विभाग के फैकल्टी डॉ अभय कुमार अमन और पीएचडी शोधार्थी आशुतोष कुमार को संयुक्त रूप से 10 लाख रुपये की सीड फंडिंग स्वीकृत की गयी है. सीड फंडिंग मिलने पर एकेयू के कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने खुशी व्यक्ति करते हुए कहा कि यह एकेयू के लिए बेहतर मौका है. दोनों प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता और शोध में नवाचार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. यह पहल अन्य विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को भी प्रेरणा देगी. डॉ अभय अमन, जो कभी इसी विभाग के छात्र रहे हैं और वर्तमान में फैकल्टी पद पर कार्यरत हैं और शोधार्थी आशुतोष कुमार, नैनो टेक्नोलॉजी आधारित अनुसंधान और उत्पाद विकास पर केंद्रित इस स्टार्टअप को आगे बढ़ा रहे हैं. डॉ अमन और आशुतोष ने अपनी सफलता का श्रेय विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार सिंह को दिया. उन्होंने बताया कि उनके निरंतर मार्गदर्शन और नवाचार को प्रोत्साहित करने वाली सोच से ही यह स्टार्टअप संभव हो पाया. स्टार्टअप का उद्देश्य कृषि, पर्यावरण, निर्माण और फार्मा जैसे क्षेत्रों में प्रयुक्त उच्च-प्रदर्शन नैनोमेटेरियल्स : जैसे नैनो-कैल्शियम और नैनो-सिलिका- का स्थानीय स्तर पर विकास करना है. इससे बिहार में वैज्ञानिक नवाचार के साथ-साथ रोजगार, तकनीकी प्रशिक्षण और औद्योगिक विकास को भी बल मिलेगा. बिहार स्टार्टअप योजना के अंतर्गत प्राप्त सीड फंडिंग से स्टार्टअप को वित्तीय सहायता के साथ-साथ मेंटरशिप, नेटवर्किंग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसी सुविधाएं भी प्राप्त होंगी. यह उपलब्धि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय को राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में एक नयी पहचान देने के साथ-साथ शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में नयी राह प्रशस्त करने वाली साबित होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है