पटना पुलिस ने रविवार को बड़े वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इनके पास दीदारगंज थाना क्षेत्र से चोरी और लूटी गई 21 मोटरसाइकिलों को बरामद किया है. पटना पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है.
ग्रामीण एसपी ने पत्रकारों से बात करते हुए ये बातें कही. ग्रामीण एसपी ने बताया कि शनिवार सुबह-सुबह दीदारगंज थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि निजामपुर बगीचा इलाके में कुछ लोग चोरी या लूट की मोटरसाइकिलों की खरीद-बिक्री के लिए इकट्ठा हो रहे हैं. पुलिस उक्त सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंची.
सूचना सही पाए जाने पर पुलिस टीमने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर 6 युवकों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार युवकों में से तीन नदी थाना क्षेत्र के, एक दीदारगंज थाना क्षेत्र का और दो रुस्तमपुर (वैशाली जिला) के निवासी हैं. तलाशी के दौरान पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी/लूट की 3 मोटरसाइकिलें बरामद की गई है.
ग्रामीण एसपी ने आगे बताया कि पकड़े गए वाहन चोरों से प्रारंभिक पूछताछ में जो सूचना मिली है उसकी बरामदगी के लिए फतुहाँ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1 के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया. इस टीम में दीदारगंज, नदी और फतुहाँ थानों के थानाध्यक्षों के साथ-साथ अन्य पुलिस पदाधिकारी और कर्मी शामिल थे.
21 चोरी के मोटरसाइकिल के साथ 7 गिरफ्तार
विशेष टीम ने इसके बाद लगातार 24 घंटे तक छापेमारी की गई. इस दौरान वैशाली जिले के सुकुमार दियारा (रुस्तमपुर) में कई जगहों पर दबिश दी गई, जिसके परिणामस्वरूप चोरी/लूट की 18 और मोटरसाइकिलें बरामद हुईं. इसके अतिरिक्त, पहले गिरफ्तार किए गए 6 अभियुक्तों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने गिरोह के एक अन्य सदस्य को मालसलामी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया.
दीदारगंज थाना पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई में कुल 21 चोरी और लूट की मोटरसाइकिलें बरामद हुईं और इस मामले में 7 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. ग्रामीण एसपी ने बताया कि सभी गिरफ्तार अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है.
सभी लोग अलग-अलग भूमिकाएं निभाते थे
बरामद की गई सभी 21 मोटरसाइकिलों के संबंध में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित थानों को सूचित कर दिया गया है. पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी कर रही है.
ग्रामीण एसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य अलग-अलग भूमिकाएं निभाते थे. कुछ सदस्य मोटरसाइकिल चोरी और लिफ्टिंग की घटनाओं को अंजाम देते थे, कुछ चोरी की मोटरसाइकिलों के खरीद-बिक्री का हिसाब-किताब रखते थे, जबकि कुछ ग्राहक ढूंढने और उन्हें बेचने का काम करते थे.
उन्होंने बताया कि यह गिरोह ज्यादातर दियारा क्षेत्र में इन मोटरसाइकिलों को सस्ते दामों पर बेचता था, जिसका संभावित कारण उस इलाके में अवैध शराब के कारोबार से जुड़ा होना है. पकड़े जाने पर कम नुकसान हो, इस मंशा से भी वे ऐसा करते थे.
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