GST Bachat Utsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए जीएसटी 2.0 को ‘जीएसटी बचत उत्सव’ का नाम दिया. उन्होंने कहा कि इससे गरीब, मध्यम वर्ग, महिलाएं, किसान और व्यापारी सभी को आर्थिक लाभ होगा और उनकी जेब में बचत बढ़ेगी.
पीएम के मुताबिक, यह सुधार न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा बल्कि भारत की विकास दर को भी नई गति देगा.
नवरात्रि से लागू होगा जीएसटी 2.0
पीएम मोदी ने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी 2.0 लागू हो जाएगा और इसके असर सोमवार से दिखाई देंगे. उन्होंने दावा किया कि त्योहारों के इस मौसम में उपभोक्ताओं को अधिक खरीदारी का अवसर मिलेगा और आम लोगों के खर्च में कमी आएगी. उन्होंने इस कदम को सभी वर्गों—गरीब से लेकर व्यापारी और उद्यमी तक—के लिए फायदेमंद बताया.
सोशल मीडिया पर बहस तेज
प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद ‘जीएसटी बचत उत्सव’ सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा. कई यूजर्स ने इसे जनता को राहत देने वाला कदम बताया और कहा कि जीएसटी में सुधार काफी पहले हो जाना चाहिए था. वहीं, कुछ ने सवाल उठाते हुए इसे महज चुनावी चाल बताया. एक यूजर ने लिखा—“एक ही तो दिल है, कितनी बार जीतोगे.”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक्स पर आभार जताया और लिखा-
वहीं पीएम के संबोधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर लिखा कि- नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली. केंद्र सरकार ने कांग्रेस के सरल और कुशल GST के बजाय, अलग-अलग 9 स्लैब से वसूली कर ‘गब्बर सिंह टैक्स’ लगाया और 8 साल में ₹55 लाख करोड़ से ज्यादा वसूले. अब आप ₹2.5 लाख करोड़ के ‘बचत उत्सव’ की बात कर के जनता को गहरे घाव देने के बाद मामूली बैंडऐड लगाने की बात कर रहे हैं.
जनता की उम्मीदें और सवाल
जहां समर्थक इस घोषणा को त्योहारी मौसम में राहत मान रहे हैं, वहीं आलोचक पूछ रहे हैं कि क्या इससे महंगाई पर भी काबू पाया जा सकेगा. कुल मिलाकर, ‘जीएसटी बचत उत्सव’ ने लोगों के बीच उम्मीदों के साथ-साथ नए सवाल भी खड़े कर दिए हैं
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