संवाददाता, पटना पीएएचइडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि हर घर नल का जल योजना के तहत आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन जैसे गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए योजनाओं का लगातार निर्माण किया जा रहा है.वहीं,गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में स्वीकृत योजनाओं में जल गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हुए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना का प्रावधान किया गया है. साथ ही यह पाया गया कि स्थल विशेष एवं नलकूपों की गहराई के अनुसार जल में इन तत्वों की मात्रा में अंतर देखा गया है. सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के अध्ययन में यह पाया गया है कि 90 मीटर अथवा उससे अधिक गहराई वाले एक्विफर से प्राप्त जल में आर्सेनिक की मात्रा मानक के अनुरूप कम होती है. इसी आधार पर विभाग ने आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में नलकूपों की न्यूनतम गहराई 125 मीटर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, ताकि केवल सुरक्षित स्तर से ही जल लिया जा सके.जल की गुणवत्ता संतोषजनक होने पर प्लांट की स्थापना नहीं की जायेगी. आयरन प्रभावित क्षेत्रों में यह निर्णय संबंधित कार्यपालक अभियंता द्वारा लिया जायेगा यदि निर्मित नलकूप से प्राप्त जल गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पाया जाता है, तो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता नहीं होगी.
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