Bihar Police Action : बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के गृह विभाग संभालते ही महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी तय होने लगी है. इसी को ध्यान में रखते हुए अभया ब्रिगेड को तैनात कर दिया गया है. महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए जिला पुलिस ने ‘अभया ब्रिगेड’ को पूरे थाने स्तर पर सक्रिय कर दिया है. हर दल को स्पष्ट जिम्मेदारियां दी गई हैं. हर इलाके में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के हॉट-स्पॉट की पहचान शुरू हो गई है.
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यहां यहां होगी अभया ब्रिगेड
अभया ब्रिगेड का मुख्य फोकस स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों के आसपास है. ऐसे निर्जन स्थान भी हॉट-स्पॉट में शामिल किए जा रहे हैं, जहां छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती रही हैं या वहां छेड़खानी हो सकती है. अभया दल के सदस्य वर्दी और सादे लिबास दोनों में मौजूद रहेंगे. शोहदों की पहचान कर मौके पर ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
नाबालिग मनचलों की भी खैर नहीं
अब वो नाबालिग अपने उम्र को अपनी ढाल बनाकर बच नहीं पाएंगे. बिहार पुलिस की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि दो या अधिक मामलों में पकड़े जाने वाले मनचलों का नाम ‘गुंडा रजिस्टर’ के Eve Teaser सेक्शन में दर्ज किया जाएगा. यदि किसी मामले में नाबालिग पकड़ा जाता है, तो पहले उसकी काउंसलिंग होगी. बार-बार पकड़े जाने पर उसका सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट (SIR) तैयार कर मामला किशोर न्याय पर्षद को भेज दिया जाएगा.
ये करेगी ‘अभया टीम’
अभया ब्रिगेड स्कूल- कॉलेज प्राचार्य, शिक्षकों, हॉस्टल वार्डन और कोचिंग संचालकों से भी लगातार समन्वय बनाए रखेगी. टीम छात्राओं से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनेगी. उन्हें डायल-112 जैसी जरूरी जानकारी भी देगी. कार्रवाई के दौरान जरूरत पड़ने पर ERSS (112) से अतिरिक्त बल और वाहन का सहयोग लिया जाएगा.
भीड़भाड़ वाले इलाकों पर रहेगी निगरानी
भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे शहर के चौक-चौराहे, बाजार, मॉल, धार्मिक स्थल, पार्क और रेलवे स्टेशन भी लगातार निगरानी में रहेंगे. यहां भी छेड़छाड़ करने वालों पर वही कार्रवाई की जाएगी, जो शिक्षण संस्थानों के हॉट-स्पॉट पर लागू है. हर दिन अभियान से पहले थाने में वरीय अधिकारी की ओर से ब्रिगेड को ब्रीफ किया जाएगा. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दल की कार्रवाई की लगातार समीक्षा करेंगे.
पुलिस मुख्यालय में जमा होगी ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट’
पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी गाइड लाइन में यह भी आदेश दिया गया है कि जिले के एसएसपी/एसपी हर महीने की 15 तारीख से पहले ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट’ तैयार करेंगे. यह रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी. ऐसे में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो थानाध्यक्ष और एसडीपीओ जिम्मेदार माने जाएंगे.
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