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Bihar News: बिहार में प्रिंटेड शादी कार्ड का चलन हुआ कम, बढ़ा व्हाट्सएप पर डिजिटल कार्ड भेजने का क्रेज

Bihar News: डिजिटल और एनीमेशन वाले कार्ड की मांग काफी बढ़ गयी है. मध्यम और उच्च वर्ग का हर परिवार अब इस तरह का कार्ड बनवा रहा है. इसका एक कारण है कि व्यस्त जीवन में मेहमानों तक जल्दी और आसानी से निमंत्रण पहुंचाने में यह सुविधाजनक होता है.

Bihar News: मुजफ्फरपुर. डिजिटल क्रांति ने लोगों के जीवन के हर क्षेत्र को छुआ है. अब शादियों का बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा. पहले लोग कार्ड छपवा कर अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और मित्रों को भेजते थे, लेकिन अब डिजिटल युग में डिजिटल कार्ड का क्रेज है. शादी वाले प्रिंट कार्ड की परंपरा तो बरकरार है, लेकिन उसकी संख्या काफी कम हो गयी है. पहले लोग एक हजार तक शादी का कार्ड छपवाते थे. वह भी अब धार्मिक विधि-विधान के कारण एक सौ ही छपवा रहे हैं. इन दिनों डिजिटल और एनीमेशन वाले कार्ड का क्रेज अधिक है. वैसे तो 200 से 300 में डिजिटल कार्ड बन जाता है, लेकिन एनीमेशन वाले कार्ड, जिसमें बैक ग्राउंड म्यजिक, दूल्हा दुल्हन की तस्वीर और शादी की तिथि, समय और स्थान शामिल हो. उसके लिये अलग-अलग पैकेज है.

व्हाट्सएप के आने के बाद से बढ़ता गया क्रेज

डिजिटल और एनीमेशन कार्ड का क्रेज व्हाट्सएप आने के बाद तेज हुआ. ग्राफिक्स का काम करने वाले सतीश कुमार ने बताया कि डिजिटल और एनीमेशन वाले कार्ड की मांग काफी बढ़ गयी है. मध्यम और उच्च वर्ग का हर परिवार अब इस तरह का कार्ड बनवा रहा है. इसका एक कारण है कि व्यस्त जीवन में मेहमानों तक जल्दी और आसानी से निमंत्रण पहुंचाने में यह सुविधाजनक होता है. युवा पीढ़ी खासतौर पर एनिमेटेड कार्ड पसंद कर रही है, जिसमें संगीत और रचनात्मक डिजाइन होते हैं. यह कार्ड अधिक आकर्षक और यादगार होते हैं. इसे व्हाट्सएप या इमेल के माध्यम से तुरंत भेजा जा सकता है. इससे समय और डाक खर्च दोनों की बचत होती है. ग्राफिक्स डिजायनर संतोष कुमार ने बताया कि इन दिनों वीडियो आमंत्रण काफी लोकप्रिय है जिसमें जोड़े की तस्वीरें, एनिमेटेड ग्राफिक्स और संगीत शामिल होते हैं. इसके अलावा स्टाइलिश पीडीएफ कार्ड का प्रचलन है. इसे भी व्हाट्सएप के माध्यम से आसानी से भेजा जाता है.

क्यूआर कोड वाले शादी कार्ड भी बन रहे पसंद

शहर में प्रिंटेड कार्ड छापने वाले दुकानदार राकेश कुमार कहते हैं कि पहले हमलोग दिल्ली से कार्ड की एक सौ से अधिक वेराइटी रखते थे. इसकी अच्छी बिक्री होती थी. अब वह जमाना नहीं है. कई परिवार अपनी परंपरा को निभाते हुए छपे हुए कार्ड को प्राथमिकता दे रहे हैं लेकिन कार्ड की संख्या बहुत कम होती है. इन दिनों क्यूआर कोड वाले शादी कार्ड भी लोगों की पसंद बन रहे हैं. कुछ लोग प्रिंटेड और डिजिटल दोनों शादी कार्ड बनवा रहे हैं और प्रिंटेड कार्ड में क्यूआर कोड देकर वीडियो निमंत्रण पत्र से जोड़ रहे हैं. जिसे स्कैन करते ही लोग दूल्हा-दुल्हन का नाम, शादी की तारीख, जगह, म्यूजिक के साथ फूलों का एनीमेशन और मंत्र उच्चारण देख और सुन सकते हैं. इसमें शादी वाले स्थल का गूगल मैप भी रहता है. दूल्हा-दुल्हन का प्री-वेडिंग शूट वीडियो या फोटो गैलरी भी रहती है.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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