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बिहार के 16 जिलों में होगा मखाना की खेती का विस्तार, किसानों को होंगे ये बड़े फायदे

Bihar Makhana: राज्य सरकार ने मखाना किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना को स्वीकृति प्रदान की है. इस योजना के तहत बिहार के 16 जिलों में मखाना की खेती का विस्तार होगा. इस योजना का क्रियान्वयन वित्त वर्ष 2025-26 से 2026-27 तक किया जाएगा.

Bihar Makhana: राज्य सरकार ने मखाना किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना को स्वीकृति प्रदान की है. इस योजना के तहत बिहार के 16 जिलों कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण एवं मुजफ्फरपुर में मखाना की खेती का क्षेत्र विस्तार किया जाएगा.

विशेष किस्म के बीज को मिलेगा बढ़ावा

इस योजना का क्रियान्वयन वित्त वर्ष 2025-26 से 2026-27 तक किया जाएगा. इसकी जानकारी उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए कुल 16 करोड़ 99 लाख 11 हजार 930 रुपये की स्वीकृत दी गई है. योजना के तहत स्वर्ण वैदेही व सबौर मखाना-1 की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.

किसानों को मिलेंगे परंपरागत उपकरण कीट

इस योजना के तहत किसानों को उन्नत प्रभेदों का बीज उपलब्ध कराया जाएगा. उन्हें परंपरागत उपकरण किट दी जाएगी व बीज उत्पादन और वितरण को प्रोत्साहित कर किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी. उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मखाना की खेती दिसंबर महीने से शुरू होकर अगस्त के अंतिम सप्ताह में पूरी होती है. यही वजह है कि योजना का कार्यान्वयन दो वित्तीय वर्षों में किया जाएगा. इसके तहत डीबीटी पंजीकृत नए किसानों का चयन किया जाएगा, जो पहली बार खेत प्रणाली से मखाना की खेती शुरू करेंगे.

किसानों को मिलेगा 75 प्रतिशत सहायतानुदान

मिली जानकारी के अनुसार मखाना खेती की इकाई लागत 0.97 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है, जिसमें बीज, इनपुट और हार्वेस्टिंग की लागत शामिल है. इसमें किसानों को 75 प्रतिशत यानी 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायतानुदान दिया जाएगा, जो कि दो किस्तों में प्रदान होगा.

किसानों को मिलेगी सहायता

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में मखाना के उन्नत प्रभेद स्वर्ण वैदेही एवं सबौर मखाना-1 का बीज उत्पादन कराया जाएगा. इसके अलावा, किसानों को परंपरागत उपकरण जैसे औका/गांज, कारा, खैंचि, चटाई, अफरा, थापी आदि भी दिए जाएंगे.

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महिला कृषकों की भी भागीदारी सुनिश्चित

इसके लिए प्रति किट 22,100 रुपये की अनुमानित लागत निर्धारित की गई है, जिसमें से 75 प्रतिशत यानी 16,575 रुपये प्रति किट का अनुदान दिया जाएगा. इस योजना से लाभान्वित किसानों में 30 प्रतिशत भागीदारी महिला कृषकों की भी सुनिश्चित की जाएगी.

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Rani Thakur
Rani Thakur
रानी ठाकुर पत्रकारिता के क्षेत्र में साल 2011 से सक्रिय हैं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में लाइफस्टाइल के लिए काम कर रहीं हैं.

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