बिहार में अपार्मेंट की जमीन का फ्लैटधारियो के नाम से दाखिल-खारिज या जमाबंदी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है. इसे लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त और सभी समाहर्ता को पत्र भेजकर निर्देश दिया है.
पत्र में क्या है निर्देश…
पत्र में कहा गया है कि अपार्मेंट की जमीन और उसके फ्लैटधारियों के नाम से जमीन की दाखिल-खारिज की व्यवस्था विभागीय स्तर पर प्रक्रियाधीन है. इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित हो रहा है. इसलिए अपार्मेंट की जमीन और फ्लैटधारियों के नाम से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया का निर्धारण सहित सॉफ्टवेयर में अन्य प्रावधानों को बहुत जल्द अपडेट किया जायेगा. तब तक अपार्मेंट की जमीन की दाखिल-खारिज, नामांतरण, जमाबंदी सृजन की कोई कार्रवाई नही की जायेगी. इस संबंध मे विस्तृत दिशा-निर्देश जल्द जारी किया जायेगा.
ALSO READ: Bihar Weather Video: बिहार में बारिश शुरू, अपने जिले में अगले दो दिनों का मौसम जानिए…
क्या है पूरा मामला…
दरअसल, विभाग को सूचना मिली थी कि अपार्मेंट निर्माण के लिए खरीदी गयी या समझौते से प्राप्त की गयी जमीन की दाखिल-खारिज फ्लैटधारियों के नाम से कुछ अंचल कार्यालय कर रहे है. ऐसी जमीन का म्यूटेशन फ्लैटधारियों के नाम से करने का कोई प्रावधान बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम 2011 एवं नियमावली में नही किया गया है. इसके लिए विभागीय सॉफ्टवेयर में आवश्यक प्रावधान नही है. बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम 2011 और बिहार भूमि दाखिल-खारिज नियमावली 2012 में प्रावधानो के तहत रैयतों या भू-धारियों से प्राप्त आवेदनों पर दाखिल-खारिज अंचल स्तर पर की जाती है.
दाखिल-खारिज किये जाने में कहां हो सकती है दिक्कतें
किसी भी जमीन पर निर्मित बहुमंजिले अपार्मेट के रजिस्ट्री के बाद बिल्डर या भू-स्वामी से फ्लैटधारियों को फ्लैट प्राप्त होता है. अपार्टमेंट के अंतर्गत आवंटित फ्लैट प्रोपेसनेट ऑफ लैंड होता है, जिसमे फ्लैट की भूमि चिह्नित नही होती है. ऐसे में वह जमीन अपार्मेंट के किस भाग में स्थित है, यह पता नही होता है. ऐसी स्थिति मे अपार्मेंट के फ्लैटधारियों के नाम से दाखिल-खारिज किये जाने में जटिलताएं हो सकती है, जिससे संबंधित पक्ष का हित प्रभावित हो सकता है.