India-Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच बिहार सरकार सतर्क हो गई है. राज्य के नागरिकों को संभावित आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से पूरे बिहार में बड़े पैमाने पर नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. जिलों, अनुमंडलों और गांवों तक इस मॉक ड्रिल का विस्तार किया जाएगा. इस दौरान राज्य में ब्लैकआउट जैसी स्थितियां भी पैदा की जाएंगी, ताकि लोगों को वास्तविक संकट की स्थिति का अनुभव हो और वे उसके लिए मानसिक व व्यवहारिक रूप से तैयार हो सकें.
सात जिलों में हुई थी मॉक ड्रिल
शुक्रवार को आपदा प्रबंधन विभाग के सभागार में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में विकास आयुक्त एवं विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इस योजना की जानकारी दी. बैठक में नागरिक सुरक्षा निदेशालय के महानिदेशक परेश सक्सेना, एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड के अधिकारी भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि हाल में सात जिलों- पटना, पूर्णिया, किशनगंज, बेगूसराय, अररिया, कटिहार और बरौनी में हुई मॉक ड्रिल सफल रही. लेकिन, इसमें कई खामियां भी उजागर हुईं जिन्हें अब सुधारा जाएगा.
संकट की स्थिति से निपटने के लिए नागरिकों को किया जाएगा जागरूक
प्रत्यय अमृत ने बताया कि अब यह मॉक ड्रिल पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से की जाएगी. नागरिकों को जागरूक किया जाएगा कि संकट की स्थिति में क्या करें और क्या न करें. उन्होंने कहा कि पिछली ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट के बावजूद कई लोगों ने अपने घरों की लाइट जला रखी थी और वाहन चालकों ने सड़कों पर हेडलाइट ऑन कर रखी थी. कुछ लोग सड़कों पर उतरकर नारेबाजी करते और वीडियो बनाते देखे गए, जो सुरक्षा मानकों के खिलाफ है.
अनुशासन के साथ मॉक ड्रिल को दिया जाएगा अंजाम
प्रशासन का लक्ष्य इस बार पूर्ण समन्वय और अनुशासन के साथ मॉक ड्रिल को अंजाम देना है. इस कार्य में नागरिक सुरक्षा वॉलंटियर, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक संगठनों की सहायता ली जाएगी. लोगों को समझाया जाएगा कि संकट की स्थिति में संयम, अनुशासन और जागरूकता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है.
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