पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि अपराध, धान खरीद, केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी और जेएनयू मुद्दों पर मुख्यमंत्री गलतबयानी कर रहे हैं. अगर अपराध की घटनाएं बढ़ी नहीं है तो तीन महीने में मुख्यमंत्री को पांच बार समीक्षा बैठक क्यों करनी पड़ी है. मुख्यमंत्री बतायें कि सरफराज आलम का स्पीडी ट्रायल होगा या नहीं.
कुख्यात अवधेश मंडल को भगाने वाली विधायक और सांसद पर कार्रवाई होगी या नहीं. सत्ता संरक्षण के बिना राजबल्लभ यादव 20 दिन से फरार कैसे हैं. दरभंगा में दो इंजीनियरों, पटना के स्वर्ण व्यवसायी, विशेश्वर ओझा और बृजनाथी सिंह के मुख्य हत्यारे अब तक पकड़े क्यों नहीं गये हैं. अगर कानून का राज है तो 2010 में 14,311 लोगों को सजा दी गयी.
2015 में घट कर यह आंकड़ा 4,513 क्यों हो गया. मोदी ने कहा कि दूसरे राज्यों से तुलना करने के बजाय मुख्यमंत्री बतायें कि अपराध की घटनाएं घटने की जगह बढ़ कर लालू राज के पुराने आंकड़ों तक कैसे पहुंच गयी. 2007 में बिहार में हत्या की 2,963 घटनायें घटी थीं जो 2014 में यह बढ़ कर 3,593 हो गयीं. 2007 में सड़क डकैती की 151 वारदातें 2014 में बढ़ कर 264 हो गयीं व 2010 में बलात्कार की घटी 795 घटनाएं 2014 में बढ़ कर 1,127 हो गयीं. 2007 में दर्ज संज्ञेय अपराधों की संख्या 1,18000 से बढ़ कर 2014 में 1,95000 हो गईं. नीतीश कुमार बतायें कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में अपराध में बिहार दूसरे स्थान पर नहीं रहा है.
