पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय डॉल्फिन सेन्टर की स्थापना अगर पटना विश्वविद्यालय की जमीन पर नहीं हो सके तो इसकी स्थापना भागलपुर एवं सुलतानगंज के बीच की जाये. बैठक में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि कृषि वाणिकी योजना में किसानों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को प्रथम वर्ष में दस रुपये, द्वितीय वर्ष में दस रुपये एवं तृतीय वर्ष में पन्द्रह रुपये किया जाय. राज्य में पॉपुलर के बहुत ज्यादा पौधे लगाये जा रहे हैं, वर्तमान में इनकी बिक्री के लिये कोई बाजार उपलब्ध नहीं है.
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि तत्काल हाजीपुर बाजार समिति की जमीन पर पोपुलर पौधों के लिए मंडी स्थापित की जाय. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि वन कर्मियों एवं किसानों का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र में भी कराया जाय. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पौधारोपण में बरगद, पीपल, पाकड के साथ-साथ फलदार पौधे के रुप में जामुन, आम, बेर इत्यादि के पौधे लगाये जायें. राज्य में बंदरों के प्रकोप को देखते हुये इस पर नियंत्रण लिये कारगर कार्रवाई की जाय. हाथी पुनर्वास केंद्र की स्थापना में ऐसे प्रशिक्षित व्यक्तियों को रखा जाय, जो हाथी के बारे में पूरी जानकारी रखते हों और मस्त हाथी को नियंत्रित करने में सक्षम हों.
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल, पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार एवं अतीश चन्द्रा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ डी के शुक्ल, मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक एस एस चौधरी, पर्यावरण एवं वन विभाग के उपसचिव रत्नेश झा सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.