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बिहार: 53 हजार होमगार्ड जवान अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, कानून-व्यवस्था प्रभावित

पटना: बिहार में 53 हजार होमगार्ड जवान के अपने दैनिक भत्ते एवं सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से पुलिसिंग, कानून-व्यवस्था, सुरक्षा और यातायात नियंत्रण बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बिहार गृह रक्षा वाहिनी और अग्शिमन सेवा के महानिदेशक पीएन राय ने बताया कि हड़ताल […]

पटना: बिहार में 53 हजार होमगार्ड जवान के अपने दैनिक भत्ते एवं सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से पुलिसिंग, कानून-व्यवस्था, सुरक्षा और यातायात नियंत्रण बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

बिहार गृह रक्षा वाहिनी और अग्शिमन सेवा के महानिदेशक पीएन राय ने बताया कि हड़ताल पर जाने के पूर्व प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों में होमगार्ड जवानों ने अपने-अपने हथियार जमा कर दिये हैं. उन्होंने कहा कि होमगार्ड जवानों की मांगों पर सरकार द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है तथा उनके हड़ताल के कारण पुलिसिंग सुनिश्चित करने तथा कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए वैकल्पिक प्रबंध किये गये हैं.

1947 में अपने गठित बिहार गृह रक्षा वाहिनी के जवानों को दैनिक भत्ते के तौर पर 300 रुपये दिये जाते हैं. मगर वे उसे बढ़ाकर 500 रुपये किये जाने, सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष किये जाने, सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त तीन लाख रुपये दिए जाने तथा ड्यूटी के दौरान मौत होने पर मुआवजा के तौर पर दस लाख रुपये दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त होमगार्ड प्रतिदिन भोजन के लिए 50 रुपये दिए जाने तथा उनकी सेवा बिहार पुलिस के तर्ज पर नियमित किए जाने की मांग भी कर रहे हैं.

बिहार गृह रक्षा वाहिनी संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार ठाकुर ने कहा कि उनके जवान इस महंगाई के दौर में गुरबत की जिंदगी जी रहे हैं और इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिये. उन्होंने बताया कि हडताल के मद्देनजर होमगार्ड जवानों ने अपनी सेवाएं यथा पुलिस थानों, कानून-व्यवस्था, यातायात, रेलवे, बैंक, बिहार सरकार के प्रतिष्ठानों, विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के चालक और अंगरक्षक के रुप में अपनी सेवा से हट गये हैं. ठाकुर ने कहा कि अपने आंदोलन को धारदार बनाने के लिए वे आगामी 20 मई को पूरे प्रदेश में यातायात को बाधित करने के साथ आगामी 21 मई को जेल भरो अभियान छेड़ेंगे.

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष दिसंबर महीने में तत्कालीन जीतनराम मांझी सरकार ने होमगार्ड की सेवानिवृत्ति आयु को 60 वर्ष बढ़ाने के साथ उनके दैनिक भत्तों को 400 रुपये और यात्रा भत्ता 50 रुपये दिए जाने का निर्णय लिया था. जिसे गत 22 फरवरी को मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद नीतीश कुमार ने निरस्त कर दिया था.

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