आरसीपी का पलटवार : किसी की औकात नहीं कि नीतीश को पिछलग्गू बनाये
पटना : सीएम नीतीश कुमार को भाजपा का पिछलग्गू कहने वाले प्रशांत किशोर के बयान पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने पलटवार किया. कहा कि धरती पर किसी की औकात नहीं है कि नीतीश कुमार को पिछलग्गू बना सके. किसी ऐरे-गैरे से नीतीश कुमार को सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. प्रशांत किशोर को […]
पटना : सीएम नीतीश कुमार को भाजपा का पिछलग्गू कहने वाले प्रशांत किशोर के बयान पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने पलटवार किया. कहा कि धरती पर किसी की औकात नहीं है कि नीतीश कुमार को पिछलग्गू बना सके.
किसी ऐरे-गैरे से नीतीश कुमार को सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. प्रशांत किशोर को उन्होंने ‘भरूआ कारतूस’ बताया. कहा कि जिस प्रकार भरूआ कारतूस में सिर्फ आवाज होती है, किसी को जख्मी नहीं कर सकता, उसी प्रकार ऐसे लोग हैं, जिनकी कोई ताकत नहीं है. उन्होंने कहा कि जदयू गांधी, लोहिया, जेपी और बाबा साहेब अांबेडकर के सिद्धांतों पर चलता है. बिहार किसी भी क्षेत्र में पिछड़ा नहीं है. जनता नीतीश कुमार के कामों को जानती है.
राज्यसभा में जदयू के नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने कामों की बदौलत पूरे देश में अपना स्थान बनाया है. बहुत लोग अभी बहुत कवायद करेंगे, फिर भी इस जीवन में इतना सब संभव नहीं. उनका काम खुद बोलता है. खासकर राजनीति में उन्होंने मर्यादा स्थापित की है.
त्यागी ने कहा- दूसरे के लिए छद्म बैटिंग कर रहे पीके : वहीं, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि प्रशांत किशोर को कम जानकारी है. नीतीश कुमार गांधी, डाॅ लोहिया और जेपी के अलावा
किसी दूसरे को अपना आदर्श नहीं बनाया. प्रशांत किशोर छद्म रूप से जिसके लिए बैटिंग कर रहे हैं, उन्हें नीतीश कुमार ने कई बार पराजित किया है. नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी पराजित करने वाले हैं.
डिरेल्ड हो गये हैं पीके – डा अजय आलोक
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ अजय आलोक ने कहा कि प्रशांत किशाेर डिरेल्ड हो गये हैं. एक ओर मुख्यमंत्री को अपना पिता मान रहे हैं और दूसरी ओर उनकी कमियां खोज रहे हैं. लगता है कि पीके अपने को औरंगजेब और मुख्यमंत्री को शाहजहां घोषित करना चाहते हैं, जो होने वाला नहीं है. उन्हें राज्य की बेसिक जानकारी भी नहीं है. प्रदेश में 8400 पंचायतें हैं और वे 10 हजार लोगों को मुखिया बनाने का दावा कर रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर को जदयू ने पिछले महीने पार्टी से बाहर निकाल दिया है. अब तक उन्हें जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन, सीएए को लेकर भाजपा के खिलाफ लगातार उनके बयान के बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.