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पीके पर नीतीश की दो टूक- पार्टी में रहना है, तो बुनियादी ढांचे को स्वीकार करना होगा
पटना : पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और महासचिव पवन वर्मा के बारे में नीतीश कुमार ने कहा, अपनी बात कहने के लिए सभी आजाद हैं. जब तक इच्छा है, पार्टी में रहेंगे, नहीं तो जायेंगे. लेकिन, पार्टी में रहेंगे तो इसके बुनियादी ढांचे को स्वीकार करना होगा. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर […]
पटना : पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और महासचिव पवन वर्मा के बारे में नीतीश कुमार ने कहा, अपनी बात कहने के लिए सभी आजाद हैं. जब तक इच्छा है, पार्टी में रहेंगे, नहीं तो जायेंगे. लेकिन, पार्टी में रहेंगे तो इसके बुनियादी ढांचे को स्वीकार करना होगा. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर को जदयू में शामिल कराने के लिए अमित शाह ने ही कहा था. अब हो सकता है कि उन्हें कहीं जाना हो.
वह स्ट्रैटेजिस्ट हैं. उन्हें कई पार्टियों के लिए काम करना है. उन्होंने कहा कि ट्वीट करने से कुछ नहीं होता. हमलोग साधारण कैटेगरी के लोग हैं.
वहीं, बैठक में प्रशांत किशोर को नहीं बुलाने के बारे में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बैठक में कौन शामिल हो रहा है और कौन नहीं, यह महत्वपूर्ण नहीं है. प्रशांत किशोर को निकालने की मांग
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री आवास से निकलने के बाद जदयू विधायक श्याम बहादुर सिंह ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी से निकालने की मांग की. उन्होंने कहा कि ये लोग किसी काम के नहीं हैं, लिहाजा वैसे लोगों को पार्टी में रखने से क्या फायदा.
पार्टी अध्यक्ष सही नहीं कह रहे : प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने मंगलवार की देर शाम ट्वीट कहा कि जदयू में कैसे और क्यों उन्हें शामिल किया गया, इसको लेकर पार्टी अध्यक्ष का वक्तव्य सही नहीं है. अपनी तरह के रंग में रंगने का कमजोर प्रयास है. यदि आप सच कह रहे हैं तो कौन यह विश्वास करेगा कि अमित शाह द्वारा सुझाये गये किसी व्यक्ति को इन्कार किया जा रहा.
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