पटना : हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जन्मदिन पर आयोजित राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर बिहार के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया. पाटलिपुत्र खेल परिसर में गुरुवार को हुए बिहार खेल सम्मान समारोह में एशियन कराटे चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतनेवाली पटना की अनन्या आनंद को बिहार श्रेष्ठ खेल सम्मान से नवाजा गया. सम्मान राशि के रूप में अनन्या को 32 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया.
अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में चयनित खिलाड़ियों को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री श्रवण कुमार, पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव रवि परमार, राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक दिनेश सिंह बिष्ट ने पुरस्कृत किया. इस मौके पर खेल कैलेंडर भी जारी किया गया.
मौके पर खेल मंत्री प्रमोद कुमार ने खिलाड़ियों को फिट इंडिया कार्यक्रम के तहत शपथ दिलाया. जिसकी शुरुआत खेल दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. उन्होंने खिलाड़ियों को आश्वासन दिया की राज्य सरकार आपके उत्थान के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रत्येक खिलाड़ी अपने आसपास एक पौधा लगाये. जिससे बिहार में हरियाली का क्षेत्र 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 33 प्रतिशत किया जा सके.
खिलाड़ियों के लिए नयी घोषणा नहीं : पिछले तीन सालों से खेल सम्मान के दिन खेल मंत्री और प्रधान सचिव एक ही बात को दोहरा रहे हैं. खिलाड़ियों के लिए कोई नयी घोषणाएं नहीं हुई. चार साल से राजगीर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और स्पोर्ट्स एकेडमी बनने की बात कही जा रही है. मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत प्रत्येक प्रखंड में स्टेडियम निर्माण की बात इस बार भी मंच से कही गयी.
लेकिन हकीकत यह है कि इन स्टेडियमों में एक भी प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गयी है. इस स्टेडियम का इस्तेमाल राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए कैसे किया जाये. इसके लिए आजतक कोई रोडमैप नहीं तैयार किया गया है.
औरंगाबाद की बहू अपर्णा को राष्ट्रपति ने तेनजिंग नार्गे अवार्ड से किया सम्मानित
औरंगाबाद : देश में एडवेंचर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान माने जाने वाले तेनजिंग नार्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से औरंगाबाद की आइपीएस बहू अपर्णा कुमार ने सम्मानित होकर जिले को एक बार फिर गौरवान्वित किया है.
उन्हें राष्ट्रीय खेल दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया है. अपर्णा यह सम्मान पाने वाली पहली आइपीएस अधिकारी हैं. वर्ष 2002 यूपी कैडर की आइपीएस अपर्णा वर्तमान में देहरादून सेक्टर में डीआइजी पद पर कार्यरत हैं. पति संजय कुमार भी आइएएस अधिकारी हैं.
अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में ये हुए सम्मानित
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग : मो शम्स आलम शेख (तैराकी), अर्चना कुमारी (एथलेटिक्स)
सामान्य वर्ग : अनन्या आनंद (कराटे), आकाश कुमार (कराटे), सुदामा कुमार यादव (एथलेटिक्स), पूजा कुमारी (ताइक्वांडो), सौरभ कुमार (ताइक्वांडो), स्वीटी कुमारी (रग्बी फुटबॉल), कविता कुमारी (रग्बी फुटबॉल).
सम्मान के लिए कोच को नहीं चुने जाने पर रग्बी खिलाड़ी व संघ ने जतायी नाराजगी
इंटरनेशनल रग्बी खिलाड़ी स्वीटी कुमारी ने अपने कोच मुकेश कुमार सिंह को प्रशिक्षक श्रेणी में नहीं चुने जाने को लेकर हैरानी जतायी है. उन्होंने कहा कि वह प्रशिक्षक श्रेणी में सम्मान पाने के लिए हकदार थे.
जो भी नियम चयन समिति द्वारा बनाया गया है. वह सभी मापदंड पर खरे उतरते हैं. रग्बी एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव पंकज कुमार ज्योति ने राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक दिनेश सिंह बिष्ट को लिखित आपत्ति भी दर्ज करायी है, लेकिन खेल सम्मान बीत जाने के बाद भी उनके नाम पर विचार नहीं किया गया.
खुद से अपनी किस्मत लिखी हूं. 10 साल की उम्र में छत से गिरने पर स्पाइनल में चोट लगी. व्हीलचेयर पर जिंदगी चलने लगी. लेकिन मेरी हिम्मत हार नहीं मानी. मैं गांव में रहकर डिस्कस थ्रो, शॉट फूट एवं जैवलिन थ्रो की प्रैक्टिस करने लगी. बिहार में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
-अर्चना कुमारी, बांका
काफी खुशी मिल रही है. श्रेष्ठ खिलाड़ी के सम्मान से नवाजा गया है. मैं बचपन से कराटे सिख रही थी. मेरे पिता ओंकार शरण काफी सपोर्ट किये. स्कूल से भी काफी मदद मिली. अभी टीपीएस कॉलेज बीए पार्ट टू की छात्रा हूं. मेरा लक्ष्य ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है.
-अनन्या आनंद, पटना
काफी खुशी मिल रही है. सम्मान मिलने से प्रेरणा हासिल हुई है. आगे का रास्ता आसान होगा. लगातार मेहनत जारी है. बिहार सरकार का यह पहल काफी बेहतर है. बेगूसराय में रह कर ताइक्वांडो अभ्यास कर रहा हूं.
-सौरभ कुमार, बेगूसराय
बिहार सरकार ने सम्मानित किया यह मेरे शिष्यों का देन है. मैंने 16 इंटरनेशनल खिलाड़ी तैयार किये हैं. खेलो इंडिया में भी मेरे दो स्टूडेंट्स शामिल हुए हैं. वेट लिफ्टिंग की मैं ट्रेनिंग देता हूं. आगे भी लोगों को मैं बेहतर रास्ता दिखाता रहूंगा.
-राजेंद्र प्रसाद, वेट लिफ्टिंग कोच
सम्मान स्वरूप एक लाख की राशि मिली है. कोलकाता में सीनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. इसके बाद एशियन कराटे चैंपियनशिप के लिए सलेक्ट हुआ था. मैं 2006 से लगातार कराटे खेल रहा हूं. ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य है. अभी से मेहनत जारी है.
-आकाश कुमार, पटना
मुझे अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है. वियतनाम में बेहतर प्रदर्शन करने का तोहफा इस सम्मान के रूप में मिला है. लगातार मैं ताइक्वांडो की प्रैक्टिस कर रही हूं. मुझे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाना है. मैं ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं. मेरे इस परिश्रम में सभी का योगदान है.
-पूजा कुमारी, शेखपुरा
जमुई में रहकर मैं एथलीटों को प्रशिक्षित करता हूं. मैं खुद जैवलिन थ्रो का प्लेयर हूं. सरकार को खेल के प्रति और काम करना चाहिए गांव पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. तभी राज्य से ओलिंपिक स्तर के खिलाड़ी निकलेंगे.
-आशुतोष कुमार सिंह, एथलीट कोच
अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में सम्मान लेने के लिए मंच पर पहुंचे दिव्यांग खिलाड़ी शम्स आलम ने सम्मान लेने के इन्कार कर दिया और उन्होंने राज्य खेल मंत्री से सामान्य खिलाड़ियों के बराबर सम्मान राशि दी जाने की मांग की.
उन्होंने कहा कि राज्य में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए एकलव्य सेंटर खोले जायें. जहां खेल अनुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध हों. आपको बता दें की खेल सम्मान में सामान्य खिलाड़ियों को ओलिंपिक में गोल्ड जीतने पर दो करोड़ की राशि निर्धारित की गयी है. वहीं दिव्यांग खिलाड़ियों को पैरालिंपिक में गोल्ड जीतने पर एक करोड़ की राशि निर्धारित की गयी है.
खेल सम्मान के दौरान मौजूद राज्य नि:शक्तत्ता आयुक्त डॉ शिवाजी कुमार ने कहा की इन खिलाड़ियों की मांग जायज है. उन्होंने दिव्यांग अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि हर क्षेत्र में दिव्यांगों को बराबर मौका दिया जाना चाहिए. इस मामले में मैंने खेल मंत्री से बात की है. उन्होंने ने इस पर विचार करने का आश्वासन भी दिया है.