मिथिलेश
पटना : 27 अक्तूबर, 2013…ऐतिहासिक गांधी मैदान में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के तत्कालीन उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की सभा शुरू भी नहीं हुई थी कि अचानक पटना जंक्शन पर एक बम विस्फोट की सूचना से प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गयी. पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या 10 पर पेट में बम बांधे एक शख्स की तत्काल मौत हो गयी. कुछ ही देर बाद नरेंद्र मोदी गांधी मैदान पहुंचने वाले थे. पटना हवाई अड्डे पर जब वह उतरे तो सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें गांधी मैदान जाने से मना किया. लेकिन, मोदी इसके लिए तैयार नहीं हुए.
उनका काफिला गांधी मैदान पहुंचा. भाषण शुरू हुआ और मैदान में एक-के-बाद एक करीब 10 धमाके हो गये. सात लोगों की जानें चली गयीं. कई लोग घायल हुए. करीब पांच साल पांच महीने बाद रविवार को एक बार फिर नरेंद्र मोदी ने पटना के गांधी मैदान में रैली को संबोधित किया. उनके मन-मस्तिष्क पर अब भी वह चित्र घूम रहा था.
हुंकार रैली के बाद नरेंद्र मोदी पुन: पटना आये और बम विस्फोट में मारे गये लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपार सफलता मिली, तमाम झंझावातों को किनारे करते हुए नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने. इसके बाद कुछ राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए, जिसमें भाजपा को भारी जीत मिली. अगले साल 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव आया. बिहार लिटमस टेस्ट था. नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन बना. इसमें राजद और कांग्रेस भी शामिल हुए. तीनों दलों की मजबूत तिकड़ी ने भाजपा को पटखनी दी.
बिहार में सरकार बनाने की मंशा से चुनाव लड़ रही भाजपा की करारी हार हुई. इस चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का आधा दर्जन से अधिक बार बिहार दौरा हुआ. आरा की रैली में बिहार पैकेज की घोषणा हुई. मुजफ्फरपुर की रैली में उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ उनके डीएनए को लेकर बयान दिया, जिसकी तीखी आलोचना हुई. एक बार फिर नरेंद्र मोदी गांधी मैदान में मुखातिब हुए. इस बार उनके साथ 2014 के लोकसभा चुनाव में अलग हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी साथ खड़े थे. चुनावी मौसम का मिजाज भांपने वाले लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान भी उनके साथ रहे.