पटना : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों की निर्मम हत्या की गूंज शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में सुनायी पड़ी. दोनों सदनों में सदस्यों ने मौन रखकर शहीद हुए जवानों को श्रद्धंजलि दी. विधानसभा में भोजनावकाश के पहले महज सात मिनट की ही कार्यवाही हो पायी. पक्ष-विपक्ष के हंगामे के कारण शोक प्रस्ताव के तत्काल बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.
दोपहर बाद भी विपक्षी सदस्यों ने सदन स्थगित करने की मांग पर वाकआउट किया. इधर, विधान परिषद में सदन की कार्यवाही के अंत में शहीद हुए जवानों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी. इसके पहले सदन में कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्र ने पुलवामा की घटना पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया, जिसे आसन ने अमान्य कर दिया. मिश्र का कहना था कि पुलवामा में बिहार के भी दो बेटे शहीद हुए हैं.
विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन को घटना की जानकारी दी. पुलवामा में गुरुवार की हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गये हैं. इन जवानों में बिहार के भी दो सपूतशहीद हुए हैं. यह सभा इस कायराना हमले की कठोरतम शब्दों में भर्त्सना करती है और हमले में शहीद सभी जवानों के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है.
मंत्री नंदकिशोर यादव व भाई वीरेंद्र में तू-तू, मैं-मैं
बिहार विधानसभा में पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमले और सदन की कार्यवाही को स्थगित करने को लेकर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव व राजद के विधायक भाई वीरेंद्र के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गयी. दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने तक की धमकी दे दी. दोनों के बीच विवाद को देखते हुए कांग्रेस के अवधेश सिंह ने बीच बचाव किया. इसी बीच सदन की भावना को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन की सहमति से कार्यवाही को दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी.