17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : मिरगी के 80 प्रतिशत मरीज दवा से ही हो जाते हैं ठीक

न्यूरोलॉजी अपडेट कॉन्फ्रेंस का आयोजन पटना : मिरगी के 80 फीसदी मरीज दवा से ठीक हो सकते हैं. महज 20 प्रतिशत जो दवा से ठीक नहीं होते उस मामले में ही ऑपरेशन कराने की जरूरत पड़ती है. बच्चों में मिरगी के कारण वंशानुगत तथा मेटाबॉलिक होते हैं जबकि बुजुर्गों में ब्रेन स्ट्रोक ज्यादातर ब्रेन की […]

न्यूरोलॉजी अपडेट कॉन्फ्रेंस का आयोजन
पटना : मिरगी के 80 फीसदी मरीज दवा से ठीक हो सकते हैं. महज 20 प्रतिशत जो दवा से ठीक नहीं होते उस मामले में ही ऑपरेशन कराने की जरूरत पड़ती है.
बच्चों में मिरगी के कारण वंशानुगत तथा मेटाबॉलिक होते हैं जबकि बुजुर्गों में ब्रेन स्ट्रोक ज्यादातर ब्रेन की नस के सूख जाने और युवा वर्ग में ब्रेन में संक्रमण के कारण होती है. यह बीमारी लाइलाज नहीं है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है. यह बातें लखनऊ से आये डॉ रवि कुमार गर्ग ने इंडियन एपलेप्सी एसोसिएशन व आईजीआईएमएस न्यूरो विभाग की ओर से आयोजित एक दिवसीय न्यूरोलॉजी अपडेट कॉन्फ्रेंस में कही.
कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, आईजीआईएमएस के न्यूरो विभाग के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार व वाइस चांसलर डॉ अरुण कुमार अग्रवाल ने किया.
अपने उद्घाटन के मौके पर मंगल पांडे ने कहा कि आईजीआईएमएस में डीएम न्यूरोलॉजिस्ट की पढ़ाई बड़े स्तर पर होगी. वर्तमान समय में दो सीट है, लेकिन यहां 11 सीट की जरूरत है. कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में न्यूरो के डॉक्टर आये थे जो न्यूरो संबंधी रोग से बचाव व उपाय के बारे में जानकारी दिये.
अब इंजेक्शन से ही ठीक होने लगा है लकवा
राजस्थान से आयी डॉ अमिता भार्गव ने कहा कि वर्तमान समय में लकवा बीमारी को ठीक करने के लिए नया इंजेक्शन आ गया है और कारगर साबित हो रहा है. मरीजों को चाहिए की उनको जैसे ही लकवा का संकेत मिले वह तीन घंटे के भीतर अस्पताल जरूर पहुंच जाएं. तय घंटे के अंदर ही इंजेक्शन कारगर होता है.
डॉ अमिता ने कहा कि राजस्थान सरकार वहां के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए यह इंजेक्शन फ्री कर दिया है. आईजीआईएमएस के डॉ अशोक कुमार व भुनेश्वर से आये डॉ संजीव भोई ने कहा कि वर्तमान समय में माइग्रेन बड़ी बीमारी के रूप में उभर रही है. 20 प्रतिशत महिलाएं माइग्रेन से पीड़ित हैं.
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को यह समस्या ज्यादा होती है और बहुत कम ही महिलाएं इसका उपचार कराती हैं. ज्यादातर लोग इसे एक सामान्य बीमारी समझकर दर्द नाशक दवाएं खा लेते हैं और बिना उचित इलाज के रहते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें