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बिहार में बाढ़ का तांडव : अब तक 304 की मौत, राहत व बचाव कार्य जारी

पटना : पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ से प्रदेश में अब तक 304 लोगों की मौत होने के साथ 18 जिलों की एक करोड़ 38 लाख 50 हजार आबादी प्रभावित हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पड़ोसी देश नेपाल और बिहार […]

पटना : पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ से प्रदेश में अब तक 304 लोगों की मौत होने के साथ 18 जिलों की एक करोड़ 38 लाख 50 हजार आबादी प्रभावित हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ से प्रदेश में अब तक 304 लोगों की मौत हो जाने के साथ बाढ़ से 18 जिलों की एक करोड़ 38 लाख 50 हजार आबादी प्रभावित हुई है.

जानें… किन जिलों में कितनी हुई मौत
बाढ़ प्रभावित प्रदेश के 18 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा एवं खगड़िया प्रभावित हुए. अररिया में 71 लोग, सीतामढी में 34, पश्चिमी चंपारण में 29, कटिहार में 26, मधुबनी में 22, पूर्वी चंपारण एवं दरभंगा में 1919, मधेपुरा में 15, सुपौल में 13, किशनगंज में 11, पूर्णिया एवं गोपालगंज में 99, मुजफ्फरपुर में 7, खगड़िया एवं सारण में 66 तथा शिवहर एवं सहरसा में 44 व्यक्ति की मौत हुई है.

राहत व बचाव कार्य जारी
एनडीआरएफ की 28 टीम 1152 जवानों एवं 118 वोट के साथ, एसडीआरएफ की 16 टीम 446 जवानों एवं 92 वोट के साथ तथा सेना की 7 कालम 630 जवानों और 70 बोट के साथ बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हुई हैं. राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. अब तक 7,34,512 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 1346 राहत शिविरों में 3,27,156 व्यक्ति शरण लिए हुए हैं.

सामुदायिक रसोईघर की व्यवस्था

बाढ़ राहत शिविर के अतिरिक्त वैसे प्रभावित व्यक्ति जो राहत शिविरों में नहीं रह रहे हैं उनके लिए सामुदायिक रसोइघर चलाये जा रहे हैं. इस तरह कुल 2219 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं जिसमें 4,81,005 लोगों को भोजन कराया जा रहा है.

सीएम नीतीश ने की समीक्षा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में चलाये जा रहे बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य के विभिन्न बिंदुओं की आज विस्तृत समीक्षा की. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में घंटों चली समीक्षा बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत द्वारा बिहार में आयी बाढ़ में शुरू से किये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया. प्रस्तुतीकरण के क्रम में बताया गया कि बिहार में बाढ़ से 18 जिले, 171 प्रखंड एवं 1965 पंचायत प्रभावित हुए हैं.

राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने का दिया निर्देश
वायुसेना के हेलीकाप्टरों द्वारा फूड पैकेट्स की सघन ड्रापिंग की जा रही है. बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा सेना के जवान लगाये गये हैं. समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा युद्धस्तर पर चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य में और तेजी लाने का निर्देश दिये गये. सभी प्रभावित परिवारों को ससमय सहायता उपलब्ध करायी जाये, क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने का भी निर्देश दिया गया. समीक्षा के क्रम में स्वास्थ्य विभाग प्रधान सचिव द्वारा दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की प्रतिनियुक्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी.

पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव द्वारा सड़क मरम्मत के लिये किये जा रहे कार्य के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी गयी. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा पशु राहत शिविर, पशु चारा, पशुओं की दवा की उपलब्धता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी. प्रस्तुतीकरण के उपरांत सभी मंत्रियों द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं एवं अन्य जानकारी दी गयी, जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया गया.

समीक्षा के क्रम में नाव परिचालन बढ़ाने तथा निजी नावों को परिचालन में अनुबंध पर लगाने का निर्देश दिया गया. समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रीगण, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार तथा सचिव अतीश चन्द्रा एवं मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे
इस बीच, केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर आज बिहार के विभिन्न स्थानों पर आज खतरे के निशान से नीचे बह रही थी. इसके जलस्तर में हाथीदह में कल प्रात: 8 बजे तक 3 सेमी, भागलपुर में कल अपराह्न 4 बजे तक 7 सेमी एवं कहलगांव में कल रात्रि 10 बजे तक 5 सेमी वृद्धि होने की संभावना है. पुनपुन नदी का जलस्तर आज प्रात: 6 बजे श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 170 सेमी ऊपर था घाघरा नदी का जलस्तर आज दरौली एवं गंगपुरसिसवन में खतरे के निशान से 39 सेमी एवं 58 सेमी ऊपर था. गंडक नदी का जलस्तर डुमरियाघाट में खतरे के निशान से 69 सेमी उपर था. बूढी गंडक नदी का जलस्तर ललबगियाघाट, अहिरवलिया, सिकंदरपुर, समस्तीपुर, रोसडा एवं खगड़िया में खतरे के निशान से क्रमश: 134 सेमी, 77 सेमी, 86 सेमी, 31 सेमी, 98 सेमी एवं 12 सेमी उपर था.

बागमती नदी का जलस्तर बेनीबाद एवं हायाघाट में खतरे के निशान से 60 सेमी एवं 12 सेमी ऊपर था. अधवारा समूह नदी का जलस्तर कमतौल और एकमीघाट में खतरे के निशान से 64 सेमी एवं 132 सेमी ऊपर था. कोसी नदी का जलस्तर बसुआ, बलतारा एवं कुरसेला में खतरे के निशान से क्रमश: 08 सेमी, 194 सेमी एवं 38 सेमी ऊपर था. भारत मौसम विज्ञान की सूचना के अनुसार कल प्रात: बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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