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Bihar : बाढ़ से 24 घंटे में 51 और लोगों की मौत, बूढ़ी गंडक में उफान, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर शहर पर खतरा बढ़ा
पटना/ मुजफ्फरपुर/ भागलपुर : उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है, जबकि सीमांचल में हालात में सुधार है. रजवाड़ा बांध टूटने से मुजफ्फरपुर शहर और बूढी गंडक व करेह के बांध से रिसाव होने से समस्तीपुर शहर पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं, पूर्वी चंपारण के मधुबन के […]
पटना/ मुजफ्फरपुर/ भागलपुर : उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है, जबकि सीमांचल में हालात में सुधार है. रजवाड़ा बांध टूटने से मुजफ्फरपुर शहर और बूढी गंडक व करेह के बांध से रिसाव होने से समस्तीपुर शहर पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
वहीं, पूर्वी चंपारण के मधुबन के कई गांवों में दोबारा पानी घुस गया है. दरभंगा के बहेड़ी में जीवछ नदी का तटबंध टूट गया. समस्तीपुर-दरभंगा रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन अब भी बंद है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ से मरनेवालों की संख्या 253 हो गयी है. पिछले 24 घंटे में 51 और लोगों की मौत हुई है. अब तक बाढ़ से सबसे अधिक 57 लोगों की मौत अररिया जिले में हुई है, जबकि सीतामढ़ी जिले में 31 की मौत हो चुकी है. रविवार को गोपालगंज में दो और सारण में छह लोगों की मौत हो गयी.
रजवाड़ा बांध टूटने के बाद मुजफ्फरपुर शहर के पांच वार्ड के दो दर्जन मोहल्लों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. प्रशासन ने वार्ड संख्या 45, 46, 47, 48 व 49 के लोगों को सुरक्षित व ऊंचे स्थान पर चले जाने के लिए रविवार की रात माइकिंग करायी. देर रात सोडा गोदाम व बड़ी कोठिया बांध से भी रिसाव भी शुरू हो चुका था. इधर, बाढ़ का पानी लगातार पूरब व दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है.
देर शाम तक मुशहरी प्रखंड के 20 गांवों में पानी घुस चुका था. इससे एक लाख से अधिक आबादी प्रभावित हो चुकी थी. सभी पीड़ित रजवाड़ा बांध पर शरण ले चुके थे. मुशहरी फॉर्म के पास सुबह से ही एक पुलिया के पास मिट्टी धंसने के बाद उसके ध्वस्त होने का खतरा बढ़ गया. जल संसाधन विभाग के इंजीनियर पुलिया के पास बोल्डर डाल कर पानी का रिसाव रोकने में लगे हुए हैं. लोगों का कहना है कि अगर पुल टूट गया, तो शहरी इलाके का पूर्व हिस्सा बीएमपी छह, मालीघाट जैसे निचले इलाके डूब सकते हैं.
125 मीटर में टूटा बांध
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता दिनेश कुमार चौधरी ने बताया कि रजवाड़ा बांध करीब 125 मीटर में टूट गया है. दोनों तरफ का कटाव रोकने के लिए 70 लोगों की टीम बांध की मरम्मत में लगी है. इधर, डीएम धर्मेंद्र कुमार व एसएसपी विवेक कुमार सुबह से ही बांध के पास जमे हुए थे. दोपहर को जल संसाधन विकास के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह मौके पर पहुंच कर डीएम को जरूरी दिशानिर्देश दिये हैं. उन्होंने एक इंजीनियर को भी कड़ी फटकार लगायी.
मुशहरी थाने व अस्पताल में घुसा पानी
बांध टूटने के बाद मनिका मन पूरी तरह से उफान पर है. बाढ़ का पानी मुजफ्फरपुर-पूसा मार्ग क्रॉस कर मुशहरी थाना व पीएचसी में घुस गया. बताया जा रहा है कि दशरथ बीएड कॉलेज में भी पानी पूरी तरह से घुस गया है. इसके कारण कॉलेज को खाली कर दिया गया है. वहीं, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र की 14 एकड़ जमीन में पानी घुस चुका है, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है.
समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर पानी के दबाव के चलते ट्रेनों का परिचालन दूसरे दिन भी बंद है. ट्रेनों को समस्तीपुर से ही चलाया जा रहा है. समस्तीपुर शहर के पास से गुजरनेवाली बूढ़ी गंडक नदी के तटबंध पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रशासन की ओर से लगातार तटबंध की मॉनीटरिंग की जा रही है.
दरभंगा में नदियों का जल स्तर स्थिर है. माना जा रहा है कि अगले कुछ घंटों में पानी घटना शुरू हो सकता है,सीतामढ़ी में बागमती के बाद लखनदेई नदी का पानी भी धीरे-धीरे स्थिर हो रहा है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन लोग अभी अपने घरों को नहीं लौट रहे हैं. पूर्वी चंपारण में नदियों का जलस्तर अब सामान्य की ओर बढ़ता जा रहा है. नटकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेल खंड पर जहां रेल पटरी टूट गयी थी, उसकी मरम्मत शुरू कर दी गयी है.
मधुबनी जिले के कोसी इलाके में अब भी बाढ़ की स्थिति सामान्य होनी शुरू नहीं हुई है. वहीं, बेनीपट्टी, लौकही व झंझारपुर में पानी कम होने से लोग घरों में लौट आये हैं. मोतिहारी शहर में बाढ़ के पानी की परेशानी कम नहीं हुई है. यहां शहर के कुछ नये इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. मधुबन प्रखंड में बूढ़ी गंडक का पानी लगातार दबाव से दहशत है.
सहरसा में पानी घटा, तो अब कटाव तेज हो गया है. वहीं, सौर, सोनवर्षा, पतरघट एवं बनमा इटहरी में धीरे-धीरे बाढ़ की स्थिति सामान्य होती जा रही है. सुपौल में पूर्वी कोसी तटबंध के 64.95 किमी स्पर पर पानी का दबाव बढ़ जाने से कटाव का खतरा मंडरा रहा है.
वहीं 52 व 52.20 किमी बिंदु पर भी वह खतरे की घंटी बजा रही है. हालांकि, कटाव निरोधी कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. मधेपुरा के दक्षिणी भाग में जल स्तर बढ़ा है. बागमती एवं अन्य नदियों का जल स्तर बढ़े रहने के कारण कोसी की विभिन्न धाराओं से बह कर पहुंच रहा पानी आलमनगर, चौसा समेत जिले के दक्षिणी भाग में जल स्तर बढ़ा रहा है.
पूर्णिया जिले में सभी नदियों के जल स्तर में कमी आने से बाढ़ के पानी घट रहा है. इससे सड़कों और उंचे स्थान पर रह रहे लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं.
वहीं, कटिहार में रविवार को मनिहारी, अमदाबाद, फलका, कोढ़ा आदि प्रखंडों के नये इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. हालांकि, महानंदा नदी के जल स्तर में कमी के बाद आधा दर्जन प्रखंडों में पानी का रफ्तार कम हुआ है, पर बाढ़ प्रभावित लोगों की स्थिति जस-की-तस बनी हुई है. इधर नये इलाके में बाढ़ का पानी घुसने से मनिहारी में एक लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. जबकि अमदाबाद प्रखंड में अधिकांश आबादी बाढ़ की चपेट में आ चुका है.
अररिया शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से पानी निकल चुका है. हालांकि, जिले के चार प्रखंड अब भी जिला मुख्यालय से कटे हुए हैं. डीएम ने आश्वस्त किया है कि दो दिनों में प्रखंड मुख्यालय तक सड़क मार्ग की मरम्मत कर दी जायेगी. इधर बाजार समिति परिसर में बाढ़ राहत सामग्री की पैकेटिंग लगातार करायी जा रही है.
पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया में पानी घटने से राहत
सीएम ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कई जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने पूर्वी चंपारण के सुगौली, बंजरिया, चिरैया, मधुबन व पिपराही, सीतामढ़ी जिले के रून्नीसैदपुर, मुजफ्फरपुर जिले के औराई, कटरा, मुसहरी व मुरौल, शिवहर और पटना जिले के फतुहा, पुनपुन व मसौढ़ी की स्थिति का जायजा लिया.
मुख्यमंत्री इन इलाकों में तेजी राहत सामग्री बांटने और बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकाल कर कैंपों में पहुंचाने का निर्देश दिया. हवाई सर्वेक्षण में मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, सीएम के सचिव अतीश चंद्रा भी थे.
समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन दूसरे दिन भी बंद
दरभंगा में जीवछ नदी का तटबंध टूटा
पूर्वी चंपारण, कटिहार, सहरसा के नये इलाकों में घुसा पानी
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