Bihar News: बिहार के नालंदा जिले में हाल ही में पकड़ा गया अकबर मलिक कोई साधारण अपराधी नहीं, बल्कि एक अंतरराज्यीय नेटवर्क चलाने वाला कुख्यात शातिर है. भारी मात्रा में हथियारों के साथ पकड़े गए अकबर का आपराधिक इतिहास करीब 15 साल पुराना है और उसका नेटवर्क बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक फैला हुआ है.
अकबर मलिक की शुरुआत मुंबई से हुई थी. करीब डेढ़ दशक पहले वह मुंबई के कुर्ला वेस्ट इलाके में बस गया था और मलाड में एक फर्जी ऑफिस खोला. इस ऑफिस में वह फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज तैयार करता था. यही नहीं, वह लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजने का भी काम करता था. साल 2012 में मलाड पुलिस ने उस पर केस दर्ज किया, लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही अकबर बिहार शरीफ लौट आया और यहीं से अपने आपराधिक साम्राज्य की नींव रखी.
तीन भाइयों में सबसे छोटा था अकबर
अकबर मलिक तीन भाइयों में सबसे छोटा है. उसका बड़ा भाई बाबर मलिक नालंदा नगर निगम के वार्ड संख्या 29 से पार्षद रह चुका है, जबकि सबसे बड़ा भाई मिजाज अहमद भी स्थानीय प्रभावशाली शख्स माना जाता है. बाबर और उसकी पत्नी दोनों ही पूर्व पार्षद रहे हैं और जदयू से जुड़ाव रहा है, हालांकि पार्टी की ओर से इस मामले में बयान लगातार बदलते रहे हैं.
खुद को ‘किंग’ कहलवाना पसंद करता था अकबर
अकबर पर बिहार शरीफ के बिहार थाना में आठ, लहेरी थाना में एक और पटना जिले के बिहटा थाना में एक मामला दर्ज है. इन मामलों में आर्म्स एक्ट, रंगदारी, दंगा, ठगी जैसे संगीन आरोप हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि वह खुद को ‘किंग’ कहलवाना पसंद करता था और उसकी बात न मानने वालों को डराने के लिए फायरिंग तक करवा देता था.
30 मार्च 2025 को बिहटा थाना क्षेत्र में एक व्यवसायी से रंगदारी नहीं मिलने पर उसने उस पर जानलेवा हमला किया. पीड़ित ने बताया कि वह दिल्ली में रहता है और अकबर ने पुलिस की मदद से उसका लोकेशन ट्रेस कर उसे घात लगाकर हमला किया. इस हमले में अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था.
जमीन दलाली में भी संलिप्त था अकबर
नालंदा एसपी भारत सोनी के मुताबिक, अकबर जमीन दलाली और धोखाधड़ी जैसे कामों में भी संलिप्त था. सूचना मिलने पर बुधवार तड़के पुलिस ने बिहार थाना क्षेत्र के बेगनाबाद इलाके में उसके घर और रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई करीब 8 घंटे चली, जिसमें मेड इन इंग्लैंड और ताइवान की बनी पिस्टलें, भारी मात्रा में कारतूस और मोबाइल फोन बरामद किए गए.
हथियार तस्करी में छोटे बच्चों का करता था इस्तेमाल
सूत्रों का मानना है कि अकबर का संबंध एक अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह से हो सकता है और इस मामले में एसटीएफ को जानकारी दी गई है. स्थानीय लोगों के अनुसार, अकबर छोटे बच्चों का इस्तेमाल हथियार पहुंचाने और अपराध में करता था. पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि अकबर की सत्तारूढ़ दल के नेताओं और पुलिस महकमे में भी गहरी पैठ थी, जो उसे लंबे समय तक बचाए रखने में मददगार साबित हुई.
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