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शिक्षक बन कर संवारें खुद का व बच्चों का भविष्य
शिक्षक बनने की राह पर बढ़ रहे जिले के स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थी बीएड कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू बिहारशरीफ : मौजूदा आर्थिक युग तथा भौतिकता वादी व्यवस्था में जहां विद्यार्थी डॉक्टर, इंजीनियर तथा उच्चधिकारी बनने का ख्वाब देखते हैं. बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऊंचे ओहदे पा कर कम समय में ही धन और ख्याति पाने […]
शिक्षक बनने की राह पर बढ़ रहे जिले के स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थी
बीएड कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू
बिहारशरीफ : मौजूदा आर्थिक युग तथा भौतिकता वादी व्यवस्था में जहां विद्यार्थी डॉक्टर, इंजीनियर तथा उच्चधिकारी बनने का ख्वाब देखते हैं. बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऊंचे ओहदे पा कर कम समय में ही धन और ख्याति पाने की चाहते रखते हैं. वहीं बड़ी संख्या में जिले के विद्यार्थी शिक्षक बन कर सादगी भरा जीवन अपना रहे हैं.
कारण चाहे जो भी हो युवाओं में शिक्षक बनने की चाह दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थी जहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में डूबे रहते है, वहीं विद्यार्थियों की एक बड़ी तादाद शिक्षक बनने के सोच के साथ सूबे के साथ अन्य प्रदेशों के टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में दाखिले लेने के प्रयास में हैं. विगत कुछ वर्षो से विद्यार्थियों में शिक्षक बनने की कुछ ज्यादा ही ललक दिखायी पड़ रही है.
विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए हाल के वर्षो में जिले में लगभग दर्जन भर बीएड ट्रेनिंग कॉलेज भी खुल चुके हैं. इससे विद्यार्थियों में दूसरे प्रदेशों में जा कर प्रशिक्षण पाने की मजबूरी लगभग खत्म हो गयी है. हालांकि जिले में अभी भी फिजिकल टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों का अभाव रहने से खेल शिक्षक के रूप में कैरियर बनानेवाले विद्यार्थियों को दूसरे प्रदेशों की ओर रुख करना पड़ रहा है. अभिभावक भी अपने बच्चों को शिक्षक बनने की प्रेरणा देते देखे जा रहे हैं.
जिले के संबद्ध कॉलेजों में भी होगी बीएड की पढ़ाई : बीएड के प्रति विद्यार्थियों के बढ़ते रुझान को देखते हुए मगध विश्वविद्यालय बोध गया द्वारा सभी अंगीभूत कॉलेजों में बीएड की पढ़ाई शुरू करने की पहल की गयी है.
स्थानीय नालंदा कॉलेज में विश्वविद्यालय की टीम द्वारा भौतिक निरीक्षण किया गया है. अभी अनुमति नहीं मिली है. हालांकि जिले के अन्य अंगीभूत कॉलेजों में भी बीएड की पढ़ाई को लेकर सुगबुगाहट देखी जा रही है. निजी क्षेत्रों में भी अभी कई बीएड कॉलेज खुलने की प्रक्रिया में है. उम्मीद की जा रही है कि आनेवाले दिनों में नालंदा जिला शिक्षक प्रशिक्षण के मामले में आत्मनिर्भर बन जायेगा.
जुलाई से सत्र की शुरुआत : जिले के विभिन्न बीएड कॉलेजों में विद्यार्थियों के नामांकन की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में हैं. जिले के अधिसंख्य बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए विद्यार्थियों से आवेदन लिये जा चुके हैं.
कुछ बीएड कॉलेजों में तो प्रवेश परीक्षा भी हो चुके हैं. दो से चार दिनों में रिजल्ट प्रकाशित कर दिये जायेंगे. बीएड का नया सत्र दो वर्षीय है. मगध विश्वविद्यालय बोध गया द्वारा बीएड कॉलेजों को अनुमति मिलते ही नामांकन शुरू हो जायेगा. हालांकि बीएड का सत्र जुलाई महीने से ही शुरू होता है. इस बार कुछ देर होने की उम्मीद है
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