जीएसटी लागू होने के दो वर्ष पूरे हो गये. एक जुलाई, 2017 को एकीकृत कर लागू किया गया था. नये टैक्स योजना शुरू होने से कारोबारियों को काफी परेशानी हुई थी. जीएसटी के कारण सरकार का विरोध भी हुआ था. कई कारोबारियों ने इसे काला कानून बताया था, लेकिन समय के साथ यह आसान होते गया. कई कारोबारियों ने तो खुद से रिटर्न भरने का तरीका भी सीख लिया. उन्हें अकाउंटेंट की जरूरत नहीं पड़ रही है. इस कानून को लागू होने से समान की खरीद-बिक्री आसान हो गयी है. यहां कारोबारी, जीएसटी एक्सपर्ट व अधिकारी के विचार रख रहे हैं .
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जीएसटी के दो वर्ष : राहत महसूस कर रहे कारोबारी
जीएसटी लागू होने के दो वर्ष पूरे हो गये. एक जुलाई, 2017 को एकीकृत कर लागू किया गया था. नये टैक्स योजना शुरू होने से कारोबारियों को काफी परेशानी हुई थी. जीएसटी के कारण सरकार का विरोध भी हुआ था. कई कारोबारियों ने इसे काला कानून बताया था, लेकिन समय के साथ यह आसान होते […]
जीएसटी से खुश हैं कारोबारी
जीएसटी लागू होने के समय कारोबारियों को भ्रम था कि इससे परेशानी बढ़ जायेगी. अब कारोबारी अब लोग काफी हद तक खुश हैं. सरकार ने जहां तक संभव हुआ है, बदलाव किया है. जीएसटी रिटर्न पहले से ज्यादा आसान हो गया है. सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि जहां भी आवश्यक होगा बदलाव किए जाएंगे. प्रत्येक क्षेत्र से सरकार सुझाव भी ले रही है. यदि हर सांसद के जरिये जीएसटी कौंसिल के पास सुझाव पहुंचे तो जो भी समस्या है, सबका समाधान हो जाएगा. जीएसटी लागू होने से लोग सिस्टम में आए हैं. यह देश के विकास के लिए जरूरी था.
रमेश टिकमानी, उपाध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स
जीएसटी से कारोबारियों को लाभ
जीएसटी लागू होने से कारोबारियों को लाभ हुआ है. पहले लोग भ्रमित थे, उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वे कैसे रिटर्न भरेंगे. हर महीने तीन-चार रिटर्न की प्रक्रिया क्या होगी, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया, कारोबारी भी जीएसटी से परिचित होते गये. अब जीएसटी से हम कारोबारियों को लाभ हो रहा है. जीएसटी सरल कानून हो गया है. अभी वार्षिक रिटर्न में थोड़ी परेशानी हुई थी. लेकिन, सरकार ने तिथि बढ़ा कर व फार्मेंट में संसोधन कर इसे आसान बना दिया है. समय-समय पर सरकार व्यापारियों की भी बात सुन रही है. यह अच्छी बात है.
अंबिका ढंढारिया, कारोबारी
शुरुआत में हुई थी परेशानी
जीएसटी जटिल प्रक्रिया नहीं है, लेकिन सरकार ने बिना किसी तैयारी के इसे लागू कर दिया था. इसी कारण से कारोबारियों को परेशानी उठानी पड़ी. सरकार पहले इस कानून के लिए तैयार हो जाती तो इतनी परेशानी नहीं होती. अब जीएसटी रिटर्न में किसी को कोई उलझन नहीं है. कई छोटे कारोबारी भी खुद से रिटर्न भर रहे हैं. बड़े कारोबारी तो पहले भी एक्सपर्ट से ही वैट का काम कराते थे, इसलिए उनको भी कोई परेशानी नहीं है. जीएसटी में खरीद-बिक्री का हिसाब साफ रहता है. रिटर्न भरने में भी परेशानी नहीं होती. अब जीएसटी को लेकर कोई समस्या नहीं है.
आदित्य तुलस्यान, सीए
जीएसटी से आसान हुआ कारोबार
जीएसटी से कारोबार आसान हुआ है. अब कारोबारियों को पहले की तरह परेशानी नहीं है. कारोबार भी पारदर्शी हो गये हैं. पहले राज्य कर विभाग में कारोबारियों की भीड़ रहती थी. कारोबारी अपने काम के सिलसिले में यहां पहुंचते थे. कई कारोबारियों को शिकायतें भी रहती थी. लेकिन, अब कारोबारियों को यहां आने की जरूरत नहीं पड़ती.
हमलोग भी जीएसटी कानून के तहत जो समय निर्धारित है, उस अंतराल में ही रिटर्न को स्वीकार करते हैं. अब कार्यालय में किसी कारोबारी को आने की जरूरत नहीं पड़ती. जीएसटी लागू होने से करोबारियों का काम भी आसान हो गया है.
ज्योतिंद्र कुमार, सहायक आयुक्त, राज्य कर विभाग
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