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ब्रजेश ठाकुर को बिहार के बाहर दूसरी जेल में भेजना होगा

नशा दे बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया जाना भयानक व डरावना : सुप्रीम कोर्ट नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले की जांच कर रही सीबीआई की रिपोर्ट में दिये गये विवरण को ‘भयानक’ और ‘डरावना’ करार दिया. साथ ही मामले में प्रमुख आरोपित ब्रजेश कुमार के बहुत अधिक […]

नशा दे बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया जाना भयानक व डरावना : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले की जांच कर रही सीबीआई की रिपोर्ट में दिये गये विवरण को ‘भयानक’ और ‘डरावना’ करार दिया. साथ ही मामले में प्रमुख आरोपित ब्रजेश कुमार के बहुत अधिक प्रभावशाली होने संबंधी सीबीआई के आरोप को कोर्ट ने बहुत ही गंभीर बताया. कहा कि उसे बिहार के बाहर दूसरी जेल में भेजना होगा. बिहार सरकार ने भी इसका समर्थन किया. कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले की जांच कर रही सीबीआई की वर्तमान टीम में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाये. अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी.
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गुरुवार को सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट के अवलोकन के बाद कहा कि इसमें तो लड़कियों को नशीला पदार्थ देने सहित बहुत ही हतप्रभ करने वाले तथ्य सामने आये हैं. पीठ ने कहा, यह सब क्या हो रहा है? यह तो बहुत ही भयानक है. बच्चों के लिए यह क्या नशीला पदार्थ है?” सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने सीबीआई को इस मामले की जांच में हुई प्रगति की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया था.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि सीबीआई के अनुसार ब्रजेश ठाकुर एक प्रभावशाली व्यक्ति है और जेल में उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है. ब्रजेश ठाकुर इस समय न्यायिक हिरासत में भागलपुर जेल में बंद है. पीठ ने कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि उसे बिहार की जेल में रखना उचित नहीं होगा. साथ ही कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को नोटिस जारी कर यह पूछा कि क्यों नहीं उसकी हिरासत किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित कर दी जाये.
इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रही अधिवक्ता अपर्णा भट ने कहा कि अब तक 17 व्यक्ति गिरफ्तार किये गये हैं और सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट में दिया गया विवरण दुखद है. इस पर पीठ ने कहा, ‘‘दुखद? यह बहुत ही दुखद है. बहुत ही भयभीत करने वाला है.” पीठ ने बिहार सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार से कहा, ‘‘यह बहुत ही पीड़ादायक है.
आपकी राज्य सरकार क्या कर रही है?” जांच ब्यूरो की ओर से पेश वकील ने आरोप लगाया गया कि जेल में ब्रजेश ठाकुर के पास से मोबाइल बरामद हुआ है और वह जेल से ही 40 व्यक्तियों के साथ संपर्क में था. इस पर पीठ ने कहा, ‘‘उसे (ठाकुर) बिहार से बाहर स्थानांतरित करना होगा और दूसरी जेल में भेजना होगा. यह तमाशा है.”
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 18 सितंबर को इस मामले की जांच के लिए नयी सीबीआई टीम गठित करने के पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि यह कदम न सिर्फ अभी चल रही जांच, बल्कि पीड़ितों के लिए भी नुकसानदेह होगा. न्यायालय ने कहा था कि सीबीआई निदेशक द्वारा गठित टीम बदलने की कोई वजह नहीं है और बीते 30 जुलाई को गठित की गयी टीम को बरकरार रहने दिया जाये. इससे पहले, पीठ ने कहा था कि जांच सही दिशा में बढ़ती दिख रही है. उसने आयकर विभाग को बालिका गृह संचालित कर रहे एनजीओ और इसके मालिक ब्रजेश ठाकुर की संपत्तियों की जांच करने के भी निर्देश दिये थे.
  • बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का समर्थन किया
  • 34 लड़कियों से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी मेडिकल जांच में
  • 17 लोग अब तक गिरफ्तार किये जा चुके हैं इस मामले में
  • 40 व्यक्तियों के साथ संपर्क में था ब्रजेश ठाकुर जेल में
  • पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति को खोज निकालने में इतना विलंब क्यों
शीर्ष अदालत ने राज्य की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का पता लगाने में हुए विलंब पर बिहार सरकार और सीबीआई से सफाई मांगी है. पीठ ने पिछले महीने ही बिहार पुलिस को आदेश दिया था कि पूर्व मंत्री और उनके पति के यहां से बड़ी संख्या में हथियार बरामद होने के मामले की वह जांच करे.
इस बालिका गृहकांड में पति चंद्रशेखर वर्मा का नाम सामने आने की की वजह से मंजू वर्मा को मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. यह भी पता चला था कि इस साल जनवरी से जून के दौरान चंद्रशेखर वर्मा ने 17 बार बृजेश ठाकुर से कथित रूप से बातचीत की थी. मालूम हो कि आर्म्स एक्ट के मामले में आरोपित पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति की अग्रिम जमानत याचिकाएं पटना हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी हैं.
सबने एक समान कहानी बतायी
सीबीआई ने कहा कि नौ आरोपितों से पूछताछ हुई है. सभी ने एक समान कहानी सुनायी है, जिससे पता चलता है कि ठाकुर ने उन्हें सिखाया- पढ़ाया है. मुजफ्फरपुर का बालिक गृह चार मंजिली इमारत में है. इसकी दीवारें 50 फुट ऊंची हैं. इनमें कोई झरोखा नहीं है. इसकी हालत जेल से भी बदतर है.
जेल में बंद गौरव उर्फ मोटू की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई पेशी
मुजफ्फरपुर. बालिका गृह कांड में शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद गौरव उर्फ मोटू की पेशी पाॅक्सो कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करायी गयी. वहीं, बेऊर जेल में बंद 13 आरोपित और भागलपुर जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर की पेशी तकनीकी खराबी आने के कारण नहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं हो सकी. कोर्ट ने पेशी की अगली तिथि पांच नवंबर को निर्धारित की है.
चार दिनों के रिमांड पर सफाईकर्मी कृष्णा
मुजफ्फरपुर . सफाईकर्मी कृष्णा को सीबीआई ने कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार की शाम पॉक्सो कोर्ट में पेश किया. कोर्ट से सीबीआई ने कहा कि पूछताछ में कृष्णा ने कई अहम सुराग दिये हैं. इसलिए दुबारा कृष्णा काे चार दिनों के रिमांड दिया जाये. कोर्ट ने सीबीआई के आवेदन को मंजूर करते हुए चार दिन के रिमांड की मंजूरी दे दी.
गौरव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई पेशी
मुजफ्फरपुर. बालिका गृह कांड में शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद गौरव उर्फ मोटू की पेशी पाॅक्सो कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करायी गयी. वही बेऊर जेल में बंद 13 आरोपित और भागलपुर जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर की पेशी तकनीकी खराबी आने के कारण नहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं हो सकी. कोर्ट ने पेशी की अगली तिथि पांच नवंबर को निर्धारित की है.

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