मुजफ्फरपुर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार शराबमुक्ति के साथ नशामुक्त हो. बिहार के हर घर में खुशहाली हो, लोगों में आपसी प्रेम, भाईचारा और सद्भावना का संचार हो. जी हां, नीतीश कुमार के इसी नशामुक्ति के सार्थक सपने को सही दिशा दिखाने में लगे हैं बिहार के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, एडीजी गुप्तेश्वर पांडेय. मुजफ्फरपुर में श्रावणी मेले के उद्घाटन समारोह में गुप्तेश्वर पांडेय ने शिव की भक्ति में जुटने वाले लाखों श्रद्धालुओं से एक ऐसी अपील की, जिसे सुनने के बाद लोगों ने जमकर तालियां बजाई और उसअपील का समर्थन किया. एडीजी ने लोगों से कहा कि वे बिहार को शराब मुक्त और नशा मुक्त प्रदेश बनाएं. उन्होंने शिव की भक्ति में अटूट आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं से कहा कि यदि वे प्रदेश को नशामुक्त बनाते हैं, तो यह बाबा गरीबनाथ की भक्ति का ही एक रूपहै.उन्होंने कहा कि प्रदेश का नशामुक्त होना पूरे समाज के लिए महादेव द्वारा दिया गया एक बड़ा आशीर्वाद साबित होगा.
हजारों श्रद्धालुओं ने नशामुक्ति का किया समर्थन
इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. एडीजी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लगातार नशामुक्ति के लिए किये जा रहे प्रयास में शिव भक्तों की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए मंदिर के पंडित और पुजारियों से भी अपील की और कहा के वे भी उन भक्तों को ज्यादा तरजीह दें, जो स्वयं नशे से दूर रहते हैं और लोगों को इससे दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर श्रावणी मेले का उद्घाटन बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री मदन मोहन झा ने किया. इस मौके पर जिला प्रशासन ने एक विशेष मोबाइल ऐप की लांचिंग की, जिसके माध्यम से श्रावणी मेले के साथ, मंदिर में हो रही हलचल और सारी व्यवस्था की जानकारी श्रद्धालुओं को बस एक क्लिक पर मिल जायेगी.
अपील का होगा सार्थक असर-एडीजी
गुप्तेश्वर पांडेय को एक सामाजिक बदलाव के लिये प्रयासरत और संवेदनशील पदाधिकारी के रूप में जाना जाता है. उन्हें यह पताहै कि बाबा गरीबनाथ धाम में श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है और नशामुक्ति के लिये यहां की गयी अपील काफी कारगर होगी. उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि सावन में कुछ लोगों द्वारा नशा करने को शिव की भक्ति बतायी जाती है, वह बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि शिव की असली भक्ति वह है कि आपके कर्तव्य से समाज के साथ, हर घर में खुशी और शांति का संचार हो और पूरा प्रदेश नशामुक्त हो. उन्होंने कहा कि जिन भक्तों में शिव के प्रति अटूट आस्था होती है, जिनमें समदर्शी भाव होता है, जिनमें समाज के लिए कुछ कर गुजरने की उत्कंठा होती है, उनके अंतर्मन को भगवान शिव आशीर्वाद से, आनंद से भर देते हैं. सावन में शिव की भक्ति श्रद्धालुओं के लिए सर्वोत्तम होती है. शिव, सावन और भक्ति की सार्थकता का संगम वैसे तो महादेव के सभी मंदिरों में देखने को मिलता है, लेकिन बिहार के देवघर कहे जाने वाले मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ धाम के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था गहरी होती जा रही है.
लाखों श्रद्धालु करते हैं जलाभिषेक
बाबा गरीबनाथ धाम जाग्रत शिव स्थल के रूप में लगातार प्रसिद्धी पा रहा है. वहीं, जन-जन के मन में गरीबनाथ धाम के प्रति आगाध आस्था की परिणिति है किप्रत्येक वर्ष यहां आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या में तीस से चालीस हजार की वृद्धि हो रही है. सावन के महीने में विशेषकर सोमवारी के दिन सोनपुर के पहलेजा घाट से 70 किलोमीटर की दूरी तय कर लाखों की संख्या में कांवरियों का जत्था बाबा जलाभिषेक करने के लिए मुजफ्फरपुर पहुंचता है. देवघर की तर्ज पर यहा भी डाक बम बाबा को 12 घंटे में जलाभिषेक करते हैं. सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि 1812 ई. से ही यहां पूजा प्रारंभ हुई और धीरे-धीरे लोगों की मन्नतें पूरी होने लगी और बाद में स्थानीय श्रद्धालुओं और मुजफ्फरपुर में पदस्थापित एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी की पहल ने बाबा गरीबनाथ धाम की तस्वीर बदलकर रख दी.
मंदिर के पुजारियों से भी अपील
एडीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नशामुक्ति के सपने को साकार करने के लिए हर वर्ग की भूमिका को आवश्यक बताते हुए मंदिर से जुड़े स्वयंसेवकों और पूजारियों से एक विशेष अपील की. उन्होंने उनसे मुख्यमंत्री के नशामुक्ति के सपने को हर हाल में लागू करने और पालन करने के बारे में कहा. पहली सोमवारी को बाबा गरीबनाथ पर जल चढ़ाने के लिए कावरियों का जत्था शहर में पहुंच चुका है. बाबा के जयघोष से पूरे मुजफ्फरपुर का वातावरण गूज रहा है. सोमवार सुबह से कांवरिया बाबा के पास पहुंचने लगे. जगह-जगह पुलिस के जवानों को मुस्तैद किया गया है. कंट्रोल रूम और ऐप के जरिये कांवरियों पर पूरी नजर रखी गयी है. सुबह को हुई बारिश ने कांवरियों को काफी राहत प्रदान की.
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