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सात माह बाद शुरू हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान ने चार घंटे में तोड़ा दम

शहर को अतिक्रमण मुक्त रखने की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की है. लेकिन निगम अपनी जिम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह से असमर्थ है.

पूर्व की तरह शहर की सड़कों पर हुआ अतिक्रमणकारियों का कब्जा, लोग परेशान

मुंगेर. शहर को अतिक्रमण मुक्त रखने की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की है. लेकिन निगम अपनी जिम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह से असमर्थ है. हाल यह है कि सात माह पहले जिस तरह पूरे ताम-झाम के साथ शुरू हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान ने एक दिन में दम तोड़ दिया था. ठीक उसी तरह 21 मार्च को पूरे ताम-झाम के साथ शुरू हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान ने भी एक दिन में ही दम तोड़ दिया. जिसके कारण एक बार फिर शहर की मुख्य सड़कों से अतिक्रमण हटाने की योजना पूरी तरह से टांय-टांय फिस हो गयी और अतिक्रमण पूर्व की तरह शहर की सड़कों पर काबिज रह गयी.

एक नंबर ट्रैफिक तक ही सिमट कर रह गया अभियान

मुंगेर नगर निगम प्रशासन शहर को अतिक्रमण मुक्त करने में पूरी तरह से हांफ रहा है. 19 मार्च 2024 को निगम प्रशासन ने शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू करने का ऐलान किया था. लेकिन सदर एसडीओ द्वारा मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति नहीं करने के कारण अभियान शुरू नहीं हो पाया. 20 मार्च 2024 को एसडीओ द्वारा निगम के ही तीन पदाधिकारी को मजिस्ट्रेट के रूप में तैनाती की और 21 मार्च को अपराह्न 1 बजे के बाद निगम कार्यालय से अतिक्रमण हटाने दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारी, जवानों के साथ निगम के कर्मचारी निकले. 21 मार्च को अपराह्न 5 बजे तक अभियान चला. लेकिन यह अभियान एक नंबर ट्रैफिक के इर्द-गिर्द तक ही सिमट कर रह गयी. लेकिन 22 मार्च को राज्पाल आगमन को लेकर अभियान नहीं निकला. जिसके बाद आद तक अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं निकला. यानी एक दिन में ही अतिक्रमण हटाओ अभियान ने यहां दम तोड़ दिया.

अगस्त 2024 के बाद से ठप है अतिक्रमण हटाओ अभियान

नगर निगम प्रशासन अतिक्रमण हटाने की दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है. तभी तो अगस्त 2024 के बाद से शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान ठप पड़ा हुआ है. तत्कालीन नगर आयुक्त निखिल धनराज ने 27 अगस्त को शहर में अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलवाया था. इसके लिए निगम के 8 पदाधिकारी व कर्मी का एक टीम भी गठित की गयी थी. जिसे अतिक्रमण हटाने की जबावदेही सौंपी गयी, लेकिन यह अभियान एक दिन में ही दम तोड़ दिया था. क्योंकि 28 अगस्त को मेयर द्वारा शहर के विभिन्न संगठनों की बैठक बुला ली गयी थी. जिसमें कोई निष्कर्ष निकला और न ही उसके बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है. हालांकि 29 दिसंबर 2024 को किला क्षेत्र में एक दिवसीय अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था. लेकिन वह टांय-टांय फिस होकर रह गया. फिर 21 मार्च 2025 को अतिक्रमण हटाओ अभियान निगम की ओर निकला, लेकिन वह अभियान भी एक दिन में ही दम तोड़ दिया.

शहर को अतिक्रमण मुक्त करना बनी चुनौती

शहर के फुटपाथ और सड़कों पर अतिक्रमण करने वाले कब्जाधारियों पर निगम के अभियान को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है. एक ओर अभियान आगे बढ़ता है और दूसरी ओर सड़कों व फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा करना शुरू हो जाता है. जिसके कारण मुख्य बाजार एक नंबर ट्रैफिक से पूरबसराय रेलवे ढाला तक अतिक्रमण जस की तस बनी रह जाती है. अतिक्रमण के कारण जहां यातायात व्यवस्था जहां हमेशा ध्वस्त रहती है, वहीं हर दिन सड़कों पर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाती है. कुल मिलाकर कहा जाय तो नगर निगम, पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के लिए शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जा रहा है. शीघ्र ही अतिक्रमण मुक्ति अभियान शुरू किया जायेगा, जिसको लेकर प्रशासनिक तैयारी की जा रही है.

कुमार अभिषेक, नगर आयुक्तB

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