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बेरोक टोक हो रही जमीन की बिक्री
मुंगेर शहर के बड़ी-बड़ी अट्टालिकाओं में रहने वाले अधिकांश लोग वर्षों से उस भूमि के मालिक बने बैठे हैं, जबकि वे इस भूमि के मालिक नहीं बल्कि किरायेदार हैं. मुंगेर : मुंगेर शहर के किला व बाजार क्षेत्र के अधिकांश भूमि खास महाल की है. जिसकी न तो खरीद-बिक्री हो सकती है और न ही […]
मुंगेर शहर के बड़ी-बड़ी अट्टालिकाओं में रहने वाले अधिकांश लोग वर्षों से उस भूमि के मालिक बने बैठे हैं, जबकि वे इस भूमि के मालिक नहीं बल्कि किरायेदार हैं.
मुंगेर : मुंगेर शहर के किला व बाजार क्षेत्र के अधिकांश भूमि खास महाल की है. जिसकी न तो खरीद-बिक्री हो सकती है और न ही बिना अनुमति के मकान का निर्माण हो सकता है. लेकिन खास महाल नियमों को ताख पर रख कर बड़े पैमाने पर भू-माफियाओं द्वारा जहां जमीन की खरीद-फरोख्त किया जा रहा. वहीं खुलेआम खास महाल की जमीन पर अवैध भवन निर्माण भी हो रहा.
मुंगेर शहर के बड़ी-बड़ी अट्टालिकाओं में रहने वाले अधिकांश लोग वर्षों से उस भूमि के मालिक बने बैठे हैं, जबकि वे इस भूमि के मालिक नहीं बल्कि किरायेदार हैं. फोर्ट एरिया सहित मुख्य बाजार के चौक बाजार, आजाद चौक, साइकिल पट्टी, बड़ा बाजार, बेकापुर, विजय चौक, गांधी चौक, नीलम चौक के अधिकांश क्षेत्र खास महाल के हैं. खास महाल का भूमि सरकार का है और लीज के माध्यम से लोगों को एक नियत समय के लिए उपलब्ध करायी गयी थी. किंतु लीजधारी ने अपने समझौते का उल्लंघन करते हुए किराये के भूमि और मकान की बिक्री शुरू कर दी.
जमकर हो रही खरीद-बिक्री
खास महाल की जमीन के लीजधारियों ने सरकार से हुए समझौता को तार-तार करते हुए जमकर खरीद-बिक्री की. पहले तो मुंबई और कोलकाता में जाकर लोग कथित रुप से जमीन का केवाला नामा कराते रहे. किंतु बाद में इस पर रोक लग गयी. आज ” पावर ऑफ अर्टनी ” के नाम पर बिक्री का खेल जारी है. भूमाफियाओं द्वारा इसमें करोड़ों का खेल खेला जा रहा.
अवैध रूप से बन रहा मार्केट कॉम्प्लेक्स : मुंगेर के साइकिल पट्टी में भू माफियाओं ने खास महाल के एक भूखंड को तीन भाग में विभक्त कर लगभग एक करोड़ में बिक्री है. जिसमें अवैध रूप से मार्केट कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा.
माना जा रहा है कि खास महाल विभाग के मिलीभगत से खरीद बिक्री व अवैध निर्माण का खेल चल रहा है, क्योंकि जब मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण प्रारंभ हुआ था तो अवैध निर्माण करने वाले को पकड़ कर ले जाया गया. किंतु बाद में उसे रहस्यमय ढंग से छोड़ दिया गया. बीच बाजार में जिस प्रकार खास महाल की जमीन पर अवैध निर्माण का कार्य चल रहा वह अपने आप में कई सवालों को जन्म दे रहा.
कहते हैं अधिकारी
खास महाल पदाधिकारी नलिन कुमार ने बताया कि मुंगेर में 18 लीजधारी शेष बचे हुए है. जिनका लीज समाप्त हो गया है. उन्हें नोटिस भेज कर लीज का नवीकरण कराने को कहा गया है जबकि राजस्व कर्मचारी द्वारा खास महाल की जमीन पर बने घरों और उसमें रहने वाले लोगों की पहचान को लेकर सर्वे किया जा रहा है.
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