एसएनसीयू में इंक्यूवेटर नहीं रहने से नवजात की हुई मौत
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लापरवाही. शाम होते ही एसएनसीयू को कर दिया जाता है बंद
एसएनसीयू में इंक्यूवेटर नहीं रहने से नवजात की हुई मौत अस्पताल में सरकारी स्तर पर जो एसएनसीयू का संचालन हो रहा है, वो सिर्फ दिन में ही चलता है. जिसके कारण शाम सुदीप कुमार सिंह के नवजात का समुचित इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गयी.काश! सदर अस्पताल का एसएनसीयू बंद नहीं रहता, […]
अस्पताल में सरकारी स्तर पर जो एसएनसीयू का संचालन हो रहा है, वो सिर्फ दिन में ही चलता है. जिसके कारण शाम सुदीप कुमार सिंह के नवजात का समुचित इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गयी.काश! सदर अस्पताल का एसएनसीयू बंद नहीं रहता, तो बच सकती थी नवजात की जान. बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है.
मुंगेर : सदर अस्पताल का एसएनसीयू बंद रहने के कारण बुधवार की देर शाम एक नवजात की मौत हो गयी. अस्पताल में सरकारी स्तर पर जो एसएनसीयू का संचालन हो रहा है, लेकिन सिर्फ दिन में ही चलता है. जिसके कारण मंगलवार की देर शाम सुदीप कुमार सिंह के नवजात का समुचित इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गयी.
शहर के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के महद्दीपुर निवासी सुदीप कुमार सिंह ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए बुधवार को सदर अस्पताल में भरती कराया. जहां देर शाम उनकी पत्नी काजल देवी ने एक पुत्र को जन्म दिया. नवजात का जन्म सातवें माह में ही हो जाने के कारण चिकित्सक ने उसे एसएनसीयू में रखवाने की सलाह दी. लेकिन सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू बंद रहने के कारण परिजनों नवजात को इनक्यूवेटर में रखवाने के लिए एक निजी क्लिनिक पहुंचे. किंतु तब तक काफी देर हो चुका था. जिसके कारण बच्चे की मौत हो गयी. इधर नवजात की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया.
बंद था अस्पताल का एसएनसीयू
सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में यूं तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24 घंटे सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. किंतु अस्पताल प्रबंधन के उदासीनता के कारण एसएनसीयू का संचालन 24 घंटे नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं अबतक यहां इन्क्यूवेटर भी उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण शाम होते ही एसएनसीयू को बंद कर दिया जाता है. जबकि ड्यूटी रजिस्टर पर रात्रि में भी नर्स कागज पर ही ड्यूटी करती है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि एसएनसीयू में सुरक्षा बल की तैनाती नहीं रहने के कारण संध्या ओपीडी के बाद उसे बंद कर दिया जाता है. हालांकि एसएनसीयू में इनक्यूवेटर की व्यवस्था नहीं है.
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