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कोर्ट के कामकाज का किया बहिष्कार
न्यायालय में भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए निगरानी से जांच की मांग कर रहे अधिवक्ता मधुबनी : बिहार स्टेट बार काउंसिल पटना के आह्वान पर निचली अदालतों में भ्रष्टाचार के रोकथाम के लिए निगरानी से जांच की मांग नहीं मानने पर जिला अधिवक्ता संघ के तत्वावधान में बुधवार को कोर्ट का बहिष्कार किया गया. इस […]
न्यायालय में भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए निगरानी से जांच की मांग कर रहे अधिवक्ता
मधुबनी : बिहार स्टेट बार काउंसिल पटना के आह्वान पर निचली अदालतों में भ्रष्टाचार के रोकथाम के लिए निगरानी से जांच की मांग नहीं मानने पर जिला अधिवक्ता संघ के तत्वावधान में बुधवार को कोर्ट का बहिष्कार किया गया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने अपने को न्यायिक कार्य से अलग रखा. इससे न्यायालय के काम काज पर व्यापक असर पड़ा.
नहीं हुई सुनवाई
अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट के बहिष्कार करने के कारण बुधवार को कोर्ट में कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में करीब पचास अग्रिम जमानत आवेदन सहित दर्जनों जमानत आवेदन पर सुनवाई नहीं हो सकी.
नहीं हुई गवाही
कोर्ट का समय होते ही न्यायाधीश अपने नियत समय के साथ इजलास पर न्यायिक कार्य करने बैठे. पर अधिवक्ता द्वारा अपने को न्यायिक कार्य से अलग रखने के कारण कोई भी अधिवक्ता न्यायालय में नहीं पहुंचे. इस कारण कोर्ट में कोई भी मामले में न तो गवाही हुई और न ही कोई सुनवाई हो सकी. बाद में बिना किसी मामले की सुनवाई किये न्यायाधीश इजलास से बाहर निकले.
मायूस लौटे लोग
जिले के विभिन्न क्षेत्रों से अपने मुकदमों में पैरवी करने आये पक्षकार को बहुत ही परेशानी हुई. पक्षकारों को न्यायालय पहुंचते ही जब कोर्ट बहिष्कार की जानकारी हुई तो लोग मायूस हो गये. राजनगर थाना क्षेत्र के रघुनीदेहट से आये सुरेश दास ने बताया कि उनका मामला एसडीजेएम में चल रहा है.
पर कोई काम नहीं हुआ. घर की मजदूरी भी छुट्टी और न्यायालय में कार्य भी नहीं हुआ. समय व पैसा की बरबादी हुई सो अलग. वहीं, फुलपरास प्रखंड के इनरवा गांव से आये देव नारायण यादव एवं देवकी देवी ने बताया कि उनका मुकदमा आरोप गठन पर था, पर अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट में कार्य नहीं करने के कारण कार्य नहीं हो सका. वहीं राजनगर थाना क्षेत्र के बेल्हवार निवासी संजीव पासवान, हीरा लाल पासवान, वलेल पासवान भी अपने मुकदमों में कोई सुनवाई नहीं होने से परेशान दिखे.
सूना रहा न्यायालय परिसर
जहां प्रत्येक दिन न्यायालय परिसर में लोगों की भीड़ लगी रहती थी. वहीं, बुधवार को अधिवक्ताओं की ओर से न्यायालय के बहिष्कार के कारण न्यायालय परिसर सुनसान रहा. इधर, न्यायालय में न्यायिक कार्य नहीं होने से कितने पक्षकारों के उम्मीद पर पानी फिर गया. कितने पक्षकार को जमानत आवेदन पर सुनवाई नहीं हो सकी.
बहुत से मामले में गवाही नहीं हुई. इससे पक्षकारों में बहुत ही मायूसी के साथ-साथ परेशान भी दिखे गये. जयनगर थाना क्षेत्र के दुल्लीपट्टी निवासी रामसोगारथ पासवान ने बताया कि एक मामले में न्यायालय में गवाही देने आये थे. लेकिन गवाही नहीं होने से आने वाले दिन में फिर न्यायालय आने के बारे में सोच कर ही परेशानी हो रही है.
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