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दिन में तार बदलने से बाधित रहती है सप्लाई , तो रात में लो वोल्टेज की समस्या

एक बार फिर उमस भरी गरमी परवान पर है. ऐसे में शहर के लोगों को गरमी की तपिश का एहसास बिजली विभाग कराने लगा है. पिछले एक सप्ताह से बिजली की आंख मिचौली ने शहरवासी का पसीना छुड़ा रहा है. रोस्टर के हिसाब से मिल रही बिजली के आने और जाने की गारंटी अब खत्म […]

एक बार फिर उमस भरी गरमी परवान पर है. ऐसे में शहर के लोगों को गरमी की तपिश का एहसास बिजली विभाग कराने लगा है. पिछले एक सप्ताह से बिजली की आंख मिचौली ने शहरवासी का पसीना छुड़ा रहा है.
रोस्टर के हिसाब से मिल रही बिजली के आने और जाने की गारंटी अब खत्म हो चुकी है. अमूमन दोपहर में बिजली गायब हो जाती है. जहां रहती है वहां वोल्टेज की परेशानी कायम है. रात की बात तो अलग है. अधिकांश इलाके में रात 10 बजे के बाद लोग पंखा ङोलने को मजबूर होते हैं. दरअसल, इन दिनों 33 हजार के बदले 28 हजार वोल्ट व 11 के बदले नौ हजार वोल्ट की सप्लाई समस्या का जड़ बताया जाता है.
मधुबनी : बिजली को लेकर पावर कंपनी या बिहार सरकार जो भी दावा करती हो, लेकिन हकीकत में धरातल पर उपभोक्ता आये दिन परेशान हैं. कभी ट्रांसफॉर्मर जलने की समस्या तो कभी पोल व तार की समस्या से उपभोक्ता परेशान रहते हैं.
इन दिनों विभाग के द्वारा शहर में बंच केबल बदले जाने के नाम पर दिन में बिजली की आपूर्ति नहीं की जाती है तो रात में कम पावर मिलने की समस्या से उपभोक्ता परेशान हैं. वजह जो भी हो पर हर हाल में बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी दिन व दिन बढ़ती जा रही है.
गरमी से लोग परेशान
इन दिनों उपभोक्ता का हाल बेहाल है. दिन से लेकर रात भर कहीं भी चैन नहीं मिल रही. 24 घंटे पसीने से तर बतर रहने को लोग मजबूर हैं. उपभोक्ताओं को इस भीषण गरमी में घंटों बिजली सुविधा से वंचित रहना परता है. दरअसल, इन दिनों मधुबनी ग्रिड को आवश्यकता के अनुसार विद्युत मिल रही है, लेकिन मुजफ्फरपुर और दरभंगा से ही पावर कम मिलने के कारण उपभोक्ता को सही वोल्टेज नहीं मिल रहा है. साथ ही जीकेसी के द्वारा कार्य में शिथिलता बरतने के कारण भी लाइन बाधित रहने का एक कारण है.
ग्रिड को नहीं मिल रहा वोल्टेज
मधुबनी ग्रिड से मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर से ही वोल्टेज का कमी है. इस कारण आये दिन उपभोक्ता को लो वोल्टेज का सामना करना परता है. मधुबनी ग्रिड के संचालक स्विच मैन ने बताया कि लो वोल्टेज का मुख्य कारण 33 हजार केवीए एवं 11 हजार केवीए है. उनका कहना था कि 33 हजार केवीए में सिर्फ 28 हजार केवीए एवं 11 हजार केवीए में सिर्फ नौ हजार केवीए ही पावर मिल पाता है. इस कारण एलटी लाइन में 100 से 160 वोल्टेज की पावर ही मिल पाती है. इससे आये दिन पूरे शहर में जो वोल्टेज की परेशानी व्याप्त है.
दिन में नहीं रहती बिजली
शहर में जीकेसी कंपनी के द्वारा पुराने तार को बदल कर बंच केबल लगाने का काम किया जा रहा है.इस कारण प्राय: दिन भर लाइन गुल रहती है. मालूम हो कि नार्थ बिहार कंपनी उक्त प्रोजेक्ट को मार्च माह तक शहरी क्षेत्र में तार पोल एवं ट्रांसफॉर्मर बदलने का समय दिया था, लेकिन समय सीमा में कार्य पुरा नहीं हो पाया. इस कारण प्रोजेक्ट को काफी फजीहत भी ङोलनी पड़ी है. यदि तार व पोल बदलने का काम निर्धारित समय पर पूरा कर लिया गया होता तो आज उपभोक्ताओं को इस गरती में यह परेशानी नहीं होती.
31 जून तक मिला था समय
नार्थ बिहार पावर कंपनी के एमडी ने पिछले माह बैठक की थी. इसमें उक्त प्रोजेक्ट को 31 जून तक तार, पोल व ट्रांसफॉर्मर बदलने का समय दिया था. प्रोजेक्ट द्वारा दिन भर काम किया जाता है. इस कारण लाइन बाधित रहती है. लाइन बाधित रहने से उपभोक्ता इस भीषण गरमी में दिन भर परेशान रहते हैं. प्रोजेक्ट द्वारा जिस एरिया में काम किया जाता है. उस एरिया का लाइन बाधित रहता है.
शाम में लोडशेडिंग
मुजफ्फरपुर से पावर कम मिलने के कारण शाम में सात से रात के 11 बजे तक दो घंटा का लोड शेडिंग होता है. इसमें कोसी फीडर, ओल्ड फीडर एवं न्यू फीडर का लोड शेडिंग किया जाता है.
आवश्यकतानुसार मिल रही आपूर्ति
मधुबनी ग्रिड को निर्वाध बिजली आपूर्ति के लिए 14 मेगावाट बिजली को जरूरत है. रामनगर ग्रिड से 14 मेगावाट बिजली मिल भी रही है, लेकिन वोल्टेज कम रहने के कारण उपभोक्ता को काफी परेशानी होता है.
इन दिनों सबसे अधिक परेशानी शहर के लोगों को पानी की है. समय पर बिजली नहीं मिलने एवं लो वोल्टेज के कारण लोगों का मोटर नहीं चल पा रहा है. इस कारण लोगों को पेयजल के साथ अन्य काम के लिए भी पानी की समस्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है.
स्थिति का आलम यह है कि लोग अब पीने के लिए डिब्बा बंद पानी पीने को मजबूर हैं. लो वोल्टेज के कारण कई मुहल्ला में लोगों को तिसरी मंजिल पर पानी चढ़ाने में परेशानी होती है. वहीं, रात में बिजली नहीं मिलने के कारण लोग गरमी के कारण रतजगा करने को मजबूर हैं.

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