गड़बड़ी. जानकारी तक नहीं की किस मद से बनी हैं सड़कें
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बनते ही दरकने लगी सड़क व टूटने लगे नाले
गड़बड़ी. जानकारी तक नहीं की किस मद से बनी हैं सड़कें मधुबनी : शहर में बनी सड़कें निर्माण के एक – दो साल के अंदर ही दरकने लगा है. सड़कों का दरकना निर्माण की गुणवत्ता के साथ की गयी अनदेखी की पोल खोल रहा है. वहीं नाले निर्माण में भी व्यापक तौर पर बरती गयी […]
मधुबनी : शहर में बनी सड़कें निर्माण के एक – दो साल के अंदर ही दरकने लगा है. सड़कों का दरकना निर्माण की गुणवत्ता के साथ की गयी अनदेखी की पोल खोल रहा है. वहीं नाले निर्माण में भी व्यापक तौर पर बरती गयी अनियमितता भी नाले के बनते ही टूटने से सामने आने लगा है. आलम यह है कि महिला कॉलेज के सामने बने मुहल्ला में करीब एक माह पहले ही बनाये गये नाले का ढक्क्न पूरी तरह टूट का गिर गया है तो नाला निर्माण के लिये जमीन की खुदाई कर अधूरे निर्माण कर काम छोड़ दिये जाने से लोगों की परेशानी दिन व दिन बढती जा रही है. पर इससे विभाग को मानों कोई सरोकार ही नहीं है.
स्पॉट एक . धोबिया टोली से बाटा चौक आने वाले सड़क का निर्माण कार्य करीब डेढ़ साल पहले किया गया था. पर अब यह सड़क पूरी तरह दरक गयी है. कई जगहों पर आधे से अधिक भाग टूट कर पानी में लटका है. कब यह गिर कर तालाब में चला जाये यह कहा नहीं जा सकता. स्थानीय निवासी मो. सुलेमान, मो. इस्लाम सहित अन्य बताते हैं कि करीब डेढ़ साल पहले ही इस सड़क का निर्माण किया गया. मुख्य सड़क जाम होने के बाद लोगों के लिये यह बहुत उपयोगी बन गया. अक्सर इस सड़क से अब ट्रैक्टर व अन्य वाहन भी गुजरने लगा है. पर अब यह टूटने लगा है.
स्पॉट दो . महिला कॉलेज के सामने बने मुहल्ला में करीब तीन माह पहले मुहल्ला जाने वाले खड़ंजा को उखाड़ दिया गया. संवेदक द्वारा बताया गया कि इस मुहल्ले में नये सिरे से पानी निकासी के लिये नाला बनाया जायेगा. साथ ही पीससी सड़क भी बनेगा. मुहल्ले के लोगों में खुशी हुइ. पर जैसे जैसे समय बीतता गया, अब लोगों की खुशी परेशानी में तब्दील हो गया है. नाला निर्माण के समय ही लोगों ने इसमें कथित तौर पर गड़बड़ी किये जाने की शिकायत की. पर निर्माण होता गया. आधी दूरी में नाला का निर्माण कर उसको ढंक दिया गया. पर महज दो माह पहले ही हुई निर्माण कार्य का पोल ढक्कन टूटने से हो गया है. वहीं सड़क भी नहीं बना. अब आलम यह है कि इस होकर अब पैदल चलना भी मुश्किल है. कई लोग इस रोड में गिरकर चोटिल हो चुके हैं.
नहीं है योजना संबंधी अभिलेख
यह सड़क बन गया. अब टूटने के कगार पर पहुंच गया. पर यह किस मद से कब बना और इस पर कितने की लागत आयी यह किसी को भी पता नहीं है. न तो कहीं पर योजना संबंधी बोर्ड लगा है और न ही सड़क बनाने वाले संवेदक का नाम. यही हाल महिला कॉलेज रोड मामले का भी है. किस मद से नाला व सड़क का निर्माण किया जा रहा है, कितने दिनों में इसका निर्माण किया जाना है यह किसी को पता नहीं. जिस कारण लोग किसी को फोन कर शिकायत भी नहीं कर पा रहे है. बस परेशानी झेल रहे हैं. जिस कारण स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
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